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CM Yogi Aditiyanath करेंगे उत्तर प्रदेश में ‘रोड टू स्कूल’ परियोजना का शुभारंभ, इसमें ये स्कूल पहले चरण में शामिल होंगे

CM Yogi Adityanath:-

CM Yogi Aditiyanath उत्तर प्रदेश में पहले रोड टू स्कूल परियोजना का उद्घाटन करेंगे। गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के सभी परिषदीय स्कूलों को पहले चरण में शामिल किया गया है। अशोक लीलैंड लिमिटेड और उसके कार्यान्वयन साझीदार लर्निंग लिंक फाउंडेशन ने इस अभियान को अंजाम दिया है।

20 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में निपुण भारत मिशन के पहले परियोजना, “रोड टु स्कूल” का उद्घाटन करेंगे। चरगांवा ब्लॉक के सभी 78 परिषदीय विद्यालयों (प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट) को इस परियोजना की पहली चरण में शामिल किया गया है। कॉरपोरेट जगत भी प्रदेश सरकार के गंभीर और ठोस प्रयासों को सराहा जा रहा है और इसमें भागीदारी कर रहा है। यही कारण है कि हिंदुजा समूह की अशोक लीलैंड लिमिटेड, जो एक बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है, और उसके सहयोगी लर्निंग लिंक फाउंडेशन, ‘रोड टू स्कूल’ अभियान को लागू कर रहे हैं। गोरखपुर में इसका औपचारिक शुभारंभ मंगलवार को पूर्वाह्न 10:30 बजे से गुलरिहा क्षेत्र में स्थित रेडिएंट रिजॉर्ट में होगा।

“रोड टू स्कूल” परियोजना के पहले चरण में चरगांवा ब्लॉक के सभी 78 परिषदीय विद्यालयों के 17781 विद्यार्थी शामिल होंगे, जो कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत बच्चों के समग्र विकास को देखेंगे। इस ब्लॉक में परियोजना का काम शुरू हो चुका है। भटहट ब्लॉक के सभी 90 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट स्कूलों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा। 16434 विद्यार्थी दूसरे चरण में लाभान्वित होंगे। ‘रोड टू स्कूल’ कार्यक्रम भी बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने, ड्राप आउट को रोकने, बच्चों की पठन-पाठन में रुचि बढ़ाने, उनके स्वास्थ्य की देखभाल और खेल और कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ता से काम करेगा।

अब तक, इस परियोजना को शुरू करने वाली संस्था ने चरगांवा ब्लॉक में 57 युवा लोगों को काम दिया है। इन युवा विद्यार्थियों में से जो डीएलएड या बीएड पास हैं, वे वॉलंटियर के रूप में चुने गए हैं। ये सभी वॉलंटियर इस कार्यक्रम को स्थानीय स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण हैं। अब तक, इन वॉलंटियर्स ने स्थानीय शिक्षकों के साथ घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता से मुलाकात की, उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में नामांकन कराने के लिए प्रेरित किया। इस प्रयास से विद्यालयों में बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है।

योजना के तहत कई स्कूलों में आधार कैंप भी लगाए गए। इनके माध्यम से बच्चों को आधार कार्ड बनवाने की सुविधा दी गई, जिससे उन्हें स्कूल में प्रवेश और सरकारी कार्यक्रमों का लाभ लेना आसान हुआ। Road to School Project का लक्ष्य बच्चों के बीच कला, आधारभूत शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल की शिक्षा में सुधार करना है। निपुण भारत मिशन का कहना है कि बुनियादी शिक्षा स्तरों में सुधार करने के लिए यह परियोजना काम करेगी। जैसे, बच्चों में विज्ञान और गणित में रुचि बढ़ी और उनकी अभिव्यक्ति विकसित हुई। इस परियोजना में शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण पर आधारित पाठ्यक्रम चलेंगे, जो बच्चों के समग्र स्वास्थ्य विकास पर फोकस करेंगे।

खेलो इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से चयनित विद्यालय में बच्चों को खेल क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जाएगा। जबकि बच्चों में निहित कौशल को खोजकर उसे तराशा जाएगा। रोड टु स्कूल परियोजना में प्रत्येक विद्यालय को शिक्षण सहायक सामग्री और गणित किट मिलेंगे, जो बच्चों को गणित में दक्ष बनाने के लिए उपयोगी होंगे। खेलो इंडिया कार्यक्रम के अनुसार, बच्चों में खेल भावना को बढ़ाने के लिए एक खेल किट भी दी जाएगी।

 

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