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CM Nayab Saini का भूपेंद्र हुड्डा पर हमला, कहा, “मुझे शर्म आती है”

CM Nayab Saini का भूपेंद्र हुड्डा पर जुबानी हमला, बोले…मुझे शर्म आती है

CM Nayab Saini: हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से ही जुबानी संघर्ष शुरू हो गया है। राजनीतिक पार्टियों के नेता अपने प्रतिद्वंद्वी पर बुरी तरह से हमला बोल रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी हमला बोला है। CM सैनी ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे ने पंजाबियों के लिए जो कुछ कहा है, उसे सुनकर और बोलकर मुझे शर्म आती है।

कांग्रेस को पिछड़ों से कोई सरोकार नहीं

मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि जो शब्द भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उसके बेटे ने बोले हैं, उसको पूरा प्रदेश नहीं बल्कि पूरा भारत देख रहा है। वो एक ऐसे विस्थापित व्यक्ति थे, जिनके ऊपर एक आफत गिरी। कौन कहता है कि मैं अपने घर और जमीन को छोड़कर टेंट में रहना शुरू करूँ? किस प्रकार की भाषा इन लोगों (Hooda) ने पंजाबियों के लिए बोली है। इस बार के चुनाव में इनको सबक सिखाने का काम वहीं लोग करेंगे।

CM नायब सैनी ने कहा कि आज उन्हें पिछड़ों की बहुत याद आ रही है, क्योंकि वे 55 से 60 साल तक सरकार में रहे लेकिन पिछड़ों के लिए कोई काम नहीं किया। उन्हें सोनिया गांधी से मिलकर कहना चाहिए कि हम पिछड़े को मुख्यमंत्री के पद पर बैठाने का काम करेंगे। उन्हें सिर्फ अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है। कांग्रेस के सदस्यों को पिछड़ों से कोई सरोकार नहीं है और वे पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं करते हैं। सिर्फ नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछड़ों को सम्मान दिया है।

बाप-बेटे की राजनीति पर फुलस्टॉप: सीएम सैनी

आपको बता दें कि सीएम ने झज्जर में म्हारा हरियाणा, नॉन स्टॉप हरियाणा जन आशीर्वाद रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी हमला बोला। CM सैनी ने कहा कि ये पिता-पुत्र सिर्फ झूठ बोलते हैं और बहकावे की राजनीति करते हैं। किसानों को दो रुपये का चेक देने वाली सरकार, जिसने बीस साल में 12 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में भेजे, उस सरकार से हिसाब मांग रहे हैं। MSP पर हर फसल खरीदने का साहसिक निर्णय लिया। मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी कहा कि किसानों, युवा लोगों और महिलाओं की कृपा से बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनेगी। 4 अक्टूबर के बाद, अन्य सभी कल्याणकारी फैसलों को भी अधिक तेजी से लागू किया जाएगा। बाप-बेटे की राजनीति पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।

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