स्वास्थ्य

Dengue Malaria Causes: डॉक्टरों ने अलर्ट किया, चार तरह के बुखार का खतरा बढ़ रहा है; अगर बुखार दो दिन है, तो आपको ये जांच करानी चाहिए।

Dengue Malaria Causes:-

Dengue Malaria Causes: वर्तमान में डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और वायरल फीवर के मामले बहुत बढ़ रहे हैं। इन चारों प्रकार के बुखार के कई लक्षण लगभग समान हैं। लेकिन ये सभी खतरनाक हैं। मरीज की हालत बिगड़ सकती है अगर उसे समय पर इलाज नहीं मिलता है। डॉक्टरों ने इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

इस समय कई वायरस जीवित रहते हैं जो बीमारियां पैदा करते हैं। वर्तमान में देश के कुछ राज्यों में डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार और चिकनगुनिया की दरें बढ़ी हैं। बीते एक सप्ताह में बुखार के साथ अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या 20% बढ़ी है। सभी मरीजों को जांच की जा रही है। कुछ लोगों में वायरल बुखार है, जबकि कुछ लोगों में डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू भी हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर इस समय बुखार है और दो दिन से ज्यादा समय तक बना हुआ है तो लापरवाही न करें और अपनी जांच करा लें।

डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के कई लक्षण समान हैं। बुखार के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी-जुकाम, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। ऐसे में बीमारी का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इसकी पहचान का सबसे सही तरीका यही है की बुखार होने पर टेस्ट जरूर करा लें।

बुखार होने पर कौन से टेस्ट कराएं?

दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ सुभाष गिरी बताते हैं कि सितंबर की शुरुआत से डेंगू के मामले बढ़ने लगे हैं। इस दौरान मलेरिया भी होता है। दोनों बीमारी मच्छर के काटने से होती हैं और समय पर इलाज नहीं किया जा सकता है। डेंगू और मलेरिया दोनों में ही बुखार होता है, हालांकि मलेरिया में हल्की ठंड भी लगती है। डेंगू में दाने निकल सकते हैं, जो मांसपेशियों को बहुत दर्द देते हैं। यदि आपको इस मौसम में दो दिन से अधिक बुखार हुआ है, तो मलेरिया और डेंगू की जांच करा लें।

डेंगू में एनएस1 एलिसा टेस्ट कराया जाता है। बुखार शुरू होने के 0 से 7 दिन के भीतर ये जांच करा लेना चाहिए। इस जांच में एंटीबॉडी और एंटीजन की जानकारी मिलती है। यदि टेस्ट पॉज़िटिव निकलता है, तो व्यक्ति को डेंगू है। पीसीआर टेस्ट भी कराया जाता है। इस जांच से शरीर में डेंगू वायरस का पता चलता है। दोनों टेस्ट परिणाम एक दिन में आते हैं।

मलेरिया की जांच के लिए टेस्ट

ये टेस्ट मलेरिया की जांच करने के लिए कराए जा सकते हैं। मलेरिया एंटीजन टेस्ट पहले होता है। इसमें शरीर में मलेरिया के वायरस का पता लगाया जा सकता है। साथ ही बल्ड स्मीयर माइक्रोस्कोपीक जांच भी होती है। इस प्रक्रिया में मरीज के शरीर से ब्लड का छोटा सा सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल की जांच माइक्रोस्कोप द्वारा की जाती है। इससे पता चलता है कि मलेरिया का वायरस ब्लड में है या नहीं। मलेरिया की जांच भी रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट से होती है। यह टेस्ट 15 मिनट से भी कम समय में परिणाम दे सकता है, लेकिन यह नहीं बता सकता कि किस तरह का मलेरिया है।

स्वाइन फ्लू के लिए टेस्ट

हाल ही में स्वाइन फ्लू के मामले रिपोर्ट किए गए हैं, हालांकि डेंगू और मलेरिया की तुलना में स्वाइन फ्लू के केस कम होते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं बुखार, खांसी-जुकाम, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द। स्वाइन फ्लू की पुष्टि करने के लिए गले या नाक से स्वाब लिया जाता है। फिर आरटीपीसीआर से जांच की जाती है।

वायरल बुखार की जांच

वायरल बुखार की जांच के लिए वायरल मार्कर टेस्ट किया जाता है. इससे पता चलता है कि शरीर में वायरस बुखार किस लेवल का है. अगर लेवल ज्यादा है तो उसके हिसाब से दवाएं दी जाती है।

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