Delhi News: 2010 से दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना ने बंद जमीन से संबंधित एक म्यूटेशन ऑर्डर पारित किया है। 100 शहरीकृत गांवों के लगभग 2 लाख किसान इससे फायदा उठाएंगे।
Delhi News: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने केंद्रशासित प्रदेश के सौ शहरीकृत गांवों के किसानों को खुशी दी है। एलजी ने राष्ट्रीय राजधानी के शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के मालिकाना हक (म्यूटेशन) को दर्ज करने की घोषणा की है। उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली में पहले की तरह विरासत पर म्यूटेशन होगा। साथ ही, आज शुक्रवार से बारह गांवों में म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
राजस्व अधिकारी को सौंपा गया जिम्मा
मंगोलपुरी इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित डीडीए ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शहरीकृत गांवों में कृषि भूमि के उत्तराधिकारी के आधार पर दाखिल खारिज अब राजस्व अधिकारी करेंगे। म्यूटेशन के लिए गांव में शिविर बनाए जाएंगे, जिन्हें डीएम और एसडीएम देखेंगे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वे इस बारे में एक अधिनियम पर साइन करने के बाद इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। एलजी ने सांसदों से भी शिविर की नियमित जांच करने की मांग की।
2010 से म्यूटेशन बंद था
जानकारी के लिए बता दें कि 2010 से राजधानी में कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद था। एलजी ने लंबे समय से परेशान किसानों से भी माफी मांगी। इस घोषणा के बाद लगभग दो लाख किसानों को खेती की जमीन पर पुश्तैनी आधार पर मालिकाना हक मिल गया।
100 गांवों के किसानों ने मुसीबत झेली
कृषि भूमि का म्यूटेशन बंद होने से करीब 100 गांवों (उत्तर, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी जिले) के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। बाहरी दिल्ली क्षेत्र के उत्तरी जिला व उत्तर-पश्चिम जिला व उत्तर जिला व उत्तर पश्चिमी जिला के 23 गांव के अलावा नजफगढ़ व कापसहेड़ा उपमंडल के क्रमश: 24 व 20 गांव शहरीकृत हैं।
इस मौके पर सांसद मनोज तिवारी, बांसुरी स्वराज, रामवीर सिंह बिधूड़ी कमलजीत सहरावत और योगेंद्र चंदोलिया, के अलावा दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी धर्मेंद्र, डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा समेत कई सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।