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UP News: योगी सरकार ने यूपी में निवेशकों को बड़ी राहत दी,  खत्म की ये अनिवार्यता 

UP News: उत्तर प्रदेश में निवेशकों को बड़ी राहत दी है। अब उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को लेटर आफ कम्फर्ट की आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

UP News: यूपी सरकार ने टेक्सटाइल क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को महत्वपूर्ण सुविधाएं दी हैं। अब उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को लेटर आफ कम्फर्ट की आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी आवश्यकता नहीं रह गई है। विस्तारीकरण इकाई में, उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी का निर्धारण लगाई गई मशीनरी की उत्पादन क्षमता पर होगा। विविधीकरण यूनिट में उत्पादन क्षमता का आकलन टर्नओवर पर होगा। जबकि पहले की नीति में इस बार में कुछ भी स्पष्ट नहीं था।

योगी सरकार ने हैंडलूम पावरलूम सिल्क, टेक्सटाइल और गारमेंटिंग नियमों को लागू करने के लिए कुछ पुरानी नियमों को हटा दिया है। अब राज्य स्तरीय कमेटी दस करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश प्रस्तावों पर रियायतों का अनुमोदन करेगी। यही कमेटी अभी तक पचास करोड़ के प्रस्तावों को मंजूर कर चुकी है। दस करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को शासकीय स्वीकृति समिति द्वारा मंजूर किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश हैंडलूम पावरलूम सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग नीति के तहत रियायतों के लिए दो चरणों में आवेदन करने की अनुमति है। लेकिन यदि इकाई द्वारा उत्पादन शुरू हो गया तो इकाई को एलओसी (लेटर आफ कम्फर्ट) के लिए आवेदन करने की अनिवार्यता नहीं होगी। इकाई धनराशि वितरण के लिए सीधे प्रारूप 2 पर आवेदन कर सकती है। एलओसी जारी करने के लिए थर्ड पार्टी से अप्रेजल की आवश्यकता नहीं होगी। अंतिम मंजूरी आयुक्त और निदेशक की अध्यक्षता में समिति द्वारा दी जाएगी।

इस वित्तीय रियायत के लिए पात्र होने के लिए निवेशक इकाई को 17 दिसंबर 2022 को या उसके बाद पालिसी अवधि में प्लान्ट और मशीनरी खरीदना होगा। यदि इकाई ने प्लांट और मशीनरी खरीदने के लिए एक बैंक या वित्तीय संस्थान से ऋण लिया है, तो उस स्थिति में प्लांट और मशीनरी खरीदने के लिये बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा ऋण वितरण की तिथि 17 दिसंबर 2022 को या उसके बाद पालिसी अवधि में होनी चाहिए।

कमेटी का नए सिरे से पुनर्गठन

युवाओं को स्वरोजगार देने वाली कमेटी और वस्त्र उद्योग इकाईयों और टेक्सटाइल पार्क के प्रस्तावों में बदलाव किया गया है। परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त अब कमेटी का अध्यक्ष होगा। कमीटी ने पहले संयुक्त आयुक्त को अध्यक्ष बनाया। साथ ही, रेशम विकास सहायक निदेशक, आईआईएचटी वाराणसी के निदेशक और बुनकर सेवा केंद्र के प्रभारी अधिकारी को कमेटी से हटा दिया गया है। कमेटी में उप आयुक्त जिला उद्योग केंद्र या उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे।

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