Kartik Purnima पर ये खास उपाय करें, पूरे महीने की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है
कार्तिक महीना भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। Kartik Purnima के दिन स्नान और दान करने वाले व्यक्ति को पूरे महीने की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते हैं।
कार्तिक महीना भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। Kartik Purnima के दिन स्नान और दान करने वाले व्यक्ति को पूरे महीने की पूजा के बराबर पुण्य मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं से प्रसन्न होकर काशी में सैकड़ों दीए जलाए थे। तभी से इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन भगवान सत्यनारायण की कहानी सुनना बहुत शुभ है। कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। हर साल हजारों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने आते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर इन विशेष उपायों का पालन करें-
कार्तिक पूर्णिमा पर पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें।
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजन करना अनिवार्य है। तुलसी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी का पूजन करने से माता लक्ष्मी का वरदान मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करते समय गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान करें। इस दिन मां लक्ष्मी को हल्दी अर्पित करें और माथे पर हल्दी का तिलक लगाएं। इससे भाग्योदय मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन शृंगार की सामग्री और तुलसी पर लाल चुनरी चढ़ाएं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवलिंग को दूध चढ़ाएं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के बाहर हल्दी से दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं। पूरे घर में गंगाजल डालें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। शाम के वक्त तुलसी की जड़ में घी का दीपक जलाएं और माता तुलसी की जड़ की मिट्टी से माथे पर तिलक लगाएं।
कार्तिक पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी का केसर की खीर का भोग लगाएं। यह खीर कन्याओं में प्रसाद के रूप में बांट दें। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाएं।
कार्तिक पूर्णिमा पर किसी नदी के घाट पर दीप जलाने और दीपदान करने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।