21 दिसंबर को ही CM Nayab Saini राजस्थान से सारे कामकाज निपटाकर 21 दिसंबर की शाम को चंडीगढ़ वापस लौटेंगे।
भारतीय जनता पार्टी की तीसरी बार हरियाणा की सरकार बनने के बाद से ही CM Nayab Saini पूरी तरह से व्यस्त हैं। वह पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने की सलाह दे रहे हैं। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दो दिवसीय राजस्थान दौरे पर जाएंगे। 20 और 21 दिसंबर को नायब सैनी राजस्थान का दो दिवसीय दौरा करेंगे। 20 दिसंबर की सुबह साढ़े 11 बजे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चंडीगढ़ से राजस्थान के जैसलमेर के लिए रवाना होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसलमेर के मैरियट रिसॉर्ट में शाम चार बजे बुलाई गई प्री बजट मीटिंग में मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 21 दिसंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुलाई गई GST परिषद की 55वीं बैठक में भाग लेंगे। 21 दिसंबर की शाम को मुख्यमंत्री नायब सैनी राजस्थान से अपनी पूरी जिम्मेदारी निपटाकर चंडीगढ़ वापस लौटेंगे।
रेलवे के मुद्दों सहित राज्य के बजट पर चर्चा होगी!
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा का वित्त विभाग है। इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त विभाग अपने हाथ में रख लिया था। ऐसे में, वित्त मंत्री के रूप में देश के वित्त मंत्री के साथ उनकी बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश के विकास को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण को प्री बजट मीटिंग में कई योजनाओं को प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके अलावा, हरियाणा में वर्षों से लंबित कई रेल परियोजनाएं भी हैं।
रेल बजट भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसे में, मुख्यमंत्री को प्रदेश में वर्षों से लंबित रेल परियोजनाओं पर चर्चा कर जल्द से जल्द शुरू करने की अपील भी की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी गंगा-यमुना तहजीब को एक करने के लिए रेलवे के विस्तार की मांग की है। इसके अलावा, वर्षों से लंबित कई अन्य रेल परियोजनाएं भी घोषित नहीं हुई हैं।
इसलिए है GST की बैठक महत्वपूर्ण
21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में GST काउंसिल की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेगी, जिसमें कई उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी दरों को घटाना या बढ़ाना शामिल हो सकता है। हरियाणा में कई गुड्स बनाए जाते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों पर महत्वपूर्ण सुझाव दे सकते हैं। जीएसटी काउंसिल से खाद्य डिलीवरी ऐप का उपयोग करने वाले ग्राहकों को कुछ राहत मिल सकती है।
जीएसटी परिषद की ओर से फूड डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) घटाया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में फिटमेंट कमिटी की सिफारिशों को माना जाता है तो आपके खाद्य सामग्री की डिलीवरी पर लगने वाले शुल्क में काफी कमी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तरफ से खाने की डिलीवरी पर अभी कस्टमर्स को 18 परसेंट जीएसटी देना होता है जिसे घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है।