Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में 1000 नए पीएचसी बनाए जाएंगे, जिनमें कई सुविधाएं दी जाएंगी। इरफान अंसारी ने बताया कि इसमें डेंटल डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे।
Jharkhand News: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में 1000 पीएचसी खोलने जा रहे हैं, जिसमें डेंटल डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। राज्य में भी 6000 चिकित्सा कर्मचारी नियुक्त करने जा रहे हैं। झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा एसोसिएशन (झासा) के दंत संवर्ग के प्रथम राज्य स्तरीय सम्मेलन को आईएमए भवन में डॉ. इरफान अंसारी ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया।
उन्होंने दावा था कि राज्य में डेंटल डॉक्टरों की कोई भी समस्या हल होगी। हम राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहते हैं। डॉक्टरों की मदद के बिना यह संभव नहीं है। रिम्स पर काफी लोड है। राज्यवासियों को बहुत जल्द रिम्स टू मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह 14 जनवरी के बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखेंगे। कार्यक्रम के दौरान झासा सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने संगठन से मांग की। डॉ सीके शाही, निदेशक प्रमुख और सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ बिमलेश सिंह, डॉ एचपी साहू समेत लगभग 150 से अधिक डॉक्टर उपस्थित थे।
दांतों की समस्या से हर तीसरा व्यक्ति
स्वास्थ्य मंत्री ने निजी डॉक्टरों से भी अपील की, कि आप सरकार को सेवा दें। हर सुविधा उपलब्ध कराएगी। डॉक्टर होने के कारण मैं भी निजी क्लिनिकों पर अधिक ध्यान देता हूँ। लेकिन आप अपना काम ईमानदारी से करें, व्यवस्था सुधारें, उसके बाद आपको निजी प्रैक्टिस से छूट है। उन्होंने कहा कि दांतों की समस्या से हर तीसरा व्यक्ति पीड़ित है। राज्य की आबादी चार करोड़ है, लेकिन सिर्फ 240 डेंटल डॉक्टर हैं। आपके ऊपर बड़ी जवाबदेही है। कहा कि राज्य में अब हर डॉक्टर सम्मानित किया जाएगा। आए दिन डॉक्टरों पर हमला और दुर्व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं होगा। विश्वास दिलाता हूं, अब ऐसा नहीं होगा। यह मेरे लिए चैलेंज है। यह तभी संभव है, जब सभी डॉक्टर्स स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने में सहयोग करें।
बिहार में 1540, जबकि झारखंड में सिर्फ 220 डेंटल डॉक्टर हैं
झासा सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने कार्यक्रम के दौरान डेंटल संवर्ग के लिए चार डीएसीपी की मांग करते हुए कहा कि बिहार और झारखंड में अन्य संवर्गों के डॉक्टरों को यह सुविधा मिल चुकी है। लेकिन डेंटल क्षेत्र को सिर्फ तीन डीसीपी मिले हैं। उनका दावा था कि बिहार में डेंटल संवर्ग में 1540 पद बनाए गए हैं, जबकि झारखंड में सिर्फ 220 पद बनाए गए हैं। उन्होंने मंत्री से डेंटल डॉक्टर और डेंटल हाइजिनिस्ट के पदों को बनाने की मांग की। इसके साथ ही एमडीएस डिग्रीधारी का विशेषज्ञ कैडर बनाने, एनएचएम के तहत कार्यरत डॉक्टरों की वेतन वृद्धि करने की मांग भी की। मंत्री को बताया कि कई स्थानों पर डॉक्टर हैं, लेकिन डेंटल चेयर नहीं है। झासा ने मंत्री और निदेशक प्रमुख को बारह सूत्री मांग पत्र भेजे। मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि हम झारखंड के हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी।