Chaturmaas: चतुर्मास में किन चीजों का त्याग करना चाहिए?

आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी से Chaturmaas शुरू होता है और कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तक चलता है। देवशयनी एकादशी, या आषाढ़ एकादशी, के दिन भगवान विष्णु निद्रा में जाते हैं।
आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी से Chaturmaas शुरू होता है और कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी तक चलता है। देवशयनी एकादशी, या आषाढ़ एकादशी, के दिन भगवान विष्णु सो जाते हैं. चार महीने बाद, दे वउठनी एकादशी के दिन उन्होंने नींद से जागा। Chaturmaas देवशयनी एकादशी से शुरू होता है। इस समय सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं। इन चार महीनेों में कुछ लोग व्रत, जप और तप करते हैं। यहां हम चातुर्मास में छोड़ने योग्य कुछ बातें बता रहे हैं। स्त्री हो या पुरुष जो भगवान की भक्ति करता है उसे चार महीनों तक इन चीजों का त्याग करने से बहुत फल मिलता है।
चातुर्मास| Chaturmaas
यानी आपको पूरे चार महीने तक उड़द ओर चने नहीं खाना चाहिए। इस समय काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
पुराणों में लिखा है कि चातुर्मास में एक अन्न का भोजन करने वाला मनुष्य रोगी नहीं होता। भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए फलाहार करनेवाला व्यक्ति बहुत बड़े पापों से छुटकारा पाता है।
श्रीहरि के योग निद्रा में जाने से लेकर चार मास अर्थात् कार्तिककी पूर्णिमा तक जमीन पर सोना चाहिए।
इस बीच में घर या मन्दिर आदि की प्रतिष्ठा नहीं की जाती है। इसके अलावा ग्रह प्रवेश आदि भी नहीं किए जाते हैं
इस दौरान गुड़ नहीं खाया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि जो इन चार महीने गुड़ का त्याग करता है, उसके जीवन में मधुरता आती है।
इन चार महीने जो व्यक्ति पलाश के पत्ते में भोजन करता है, वह रुप को प्राप्त करता है। इसी तरह तेल का भी त्याग किया जाता है, इससे लंबी उम्र की संत्नान मिलती है।
इसके अलावा दही-दूध छोड़ने वाले मनुष्य को गोलोक मिलता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।