धर्म

कालाष्टमी 2026: माघ माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कालाष्टमी 2026 माघ माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाई जाएगी। जानें शुभ मुहूर्त, निशिता काल, काल भैरव देव मंत्र और व्रत रखने की विधि।

माघ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इस साल कालाष्टमी 2026 मनाई जाएगी। यह दिन काल भैरव देव को समर्पित होता है और इस दिन व्रत रखने और भक्ति भाव से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है।

कालाष्टमी की तिथि और पंचांग

वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि इस वर्ष 10 जनवरी 2026 से शुरू होकर 11 जनवरी 2026 को समाप्त होगी।

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 10 जनवरी 2026, सुबह 08:23 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त: 11 जनवरी 2026, सुबह 10:20 बजे

इस दिन सुकर्मा योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। ऐसे शुभ योगों में काल भैरव देव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

कालाष्टमी व्रत का महत्व

कालाष्टमी व्रत विशेष रूप से काल भैरव देव को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने और भक्ति भाव से पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

शिववास योग: सुबह 08:24 बजे से शुरू, यह योग भगवान शिव और मां पार्वती के साथ कैलाश पर रहते हुए मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।

सुकर्मा योग: इस दिन का विशेष योग है जिसमें साधक की सभी इच्छाएं पूरी होने की मान्यता है।

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कालाष्टमी व्रत के दौरान शुभ मुहूर्त

सूर्योदय: सुबह 07:15 बजे

सूर्यास्त: शाम 05:42 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 से 06:21 बजे

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:13 से 02:55 बजे

गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:39 से 06:07 बजे

निशिता मुहूर्त: रात 12:02 से 12:56 बजे

काल भैरव देव मंत्र

पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:

ॐ नमो भैरवाय स्वाहा।

ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन।

ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु।

ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय।

ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष।

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