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किरेन रिजिजू ने कहा: “प्रोजेक्ट मारे” पर काम तेजी से चल रहा है, मानवयुक्त वाहन भी जल्द तैयार हो जाएगा

किरेन रिजिजू ने कहा: “प्रोजेक्ट मारे” पर काम तेजी से चल रहा है, मानवयुक्त वाहन भी जल्द तैयार हो जाएगा
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि हमें अपने भविष्य को और अधिक सुरक्षित बनाना चाहिए। हमें सम्मान के साथ जीना चाहिए और प्रकृति का सम्मान करना चाहिए। प्रकृति ने हमें जो कुछ भी उपहार में दिया है, उसे संरक्षित किया जाना चाहिए

अंतरिक्ष की तरह ही समुद्र भी रहस्यों को समाए हुए है। दुनियाभर में समुद्र को लेकर कई खोजें हुई हैं, अब इस कड़ी में भारत भी अपना मिशन भेजने को बेकरार है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि समुद्रयान परियोजना काम काफी तेज गति से चल रहा है

किरेन रिजिजू ने कहा कि समुद्रयान परियोजना के तहत गहरे समुद्र के भीतर तीन लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक सफलतापूर्वक ले जाने की योजना को आगे बढ़ाते हुए मानवयुक्त सबमर्सिबल वाहन भेजने का भारत का मिशन निर्धारित समय के अनुसार आगे बढ़ रहा है और वाहन जल्द ही तैयार हो जाएगा।

समुद्रयान राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के महासागर मिशन का हिस्सा है। यह एक स्वदेशी मिशन है। इस पूरी समुद्रयान परियोजना के लिए छह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें लगे वाहन को मत्स्य-6000 नाम दिया गया है जो टाइटेनियम धातु से बना है। इसका व्यास 2.1 मीटर है। यह यान तीन लोगों को समुद्र की गहराई में ले जाने में सक्षम है।

मंत्री किरेन रिजिजू एनआईओटी में विश्व महासागर दिवस समारोह के मौके पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि समुद्रयान में मानवयुक्त और मानव रहित खोज शामिल है, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयास है। मानव रहित मिशन 7,000 मीटर से आगे बढ़ गया है, जबकि मानवयुक्त मिशन के लिए सबमर्सिबल पर काम चल रहा है।

आगे उन्होंने कहा कि मैं अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के साथ निर्माण की प्रगति की निगरानी करूंगा। मुझे उम्मीद है कि हम इसे समय पर पूरा कर लेंगे। भारत को समुद्र की खोज में एक महत्वपूर्ण और नेतृत्वकारी भूमिका निभानी होगी और एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सतत तरीके से संसाधनों का विकास करना होगा।

रिजिजू ने कार्यक्रम में कहा कि अंतरिक्ष की तरह ही हमें समुद्र में गहराई तक जाने और अनुसंधान करने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से विश्व महासागर दिवस पर

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