विदेश: भारत के लिए पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के मायने

इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान दो ऐसे मुल्क हैं जो राजनीतिक विचारधारा और सुरक्षा की दृष्टि से एक-दूसरे  के विपरीत हैं, ऐसे में पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश की पहली सुरक्षा नीति लाए हैं बताया जा रहा है कि यह आर्थिक मुद्दे पर केंद्रित रहने वाली है।

नई सुरक्षा नीति के तहत प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ अच्छे संबंधों को होना करार दिया है। इमरान खान ने कहा है हम भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं हालांकि कश्मीर मुद्दे पर जैसा कि पहले भी पाकिस्तान राग अलापता रहा है और इस बार भी वह इससे वंचित नहीं रहा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बयान में कहा कि, 5 अगस्त सन 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के अधिकार को छीन लिया था इस बात पर हम अभी भी असहमत हैं और भविष्य में भी होंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 पन्नों के मौलिक दस्तावेज में राष्ट्रीय सुरक्षा को स्पष्ट रूप से परिभाषित किय गया है। इस नीति को नागरिकों को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है और आर्थिक सुरक्षा को केंद्रबिंदु बनाया गया है।राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के अध्याय सात में ‘बदलती दुनिया में विदेश नीति’ शीर्षक के तहत भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों, कश्मीर मुद्दा और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों की बात की गई है।

इसमें इमरान ने चीन और रूस के साथ खास तौर पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। वहीं भारत और कश्मीर के लिए एक बार फिर पुराना राग अलापा है।भारत में हिन्दुत्व आधारित नीतियों का बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है और इससे पाकिस्तान की सुरक्षा पर तत्काल प्रभाव पड़ता है।’’

उसमें कहा गया है, ‘‘भारत में हथियारों का बढ़ता जखीरा, अत्याधुनिक तकनीकों तक उसकी पहुंच और परमाणु निरस्त्रीकरण से छूट, पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।’’

खबर के कहा गया है कि विदेशी मामलों के मोर्चे पर नयी नीति भ्रामक सूचना, हिंदुत्व और घरेलू राजनीतिक फायदे के लिए आक्रमकता का इस्तेमाल भारत से अहम खतरे हैं।

 

 

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