
अजमेर दरगाह–मंदिर विवाद: अजमेर दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने दावा: बुधवार को सुनवाई बहिष्कार से टली, अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी — जानिए पूरा मामला।
अजमेर दरगाह–मंदिर विवाद: अजमेर जिले की प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह परिसर में एक प्राचीन शिव मंदिर होने के दावे को लेकर हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में समर्थक प्रमाणों के तौर पर ऐतिहासिक नक्शे, पुरानी–नई तस्वीरें और दस्तावेज़ शामिल किये गए हैं। गुप्ता का कहना है कि इनसे साफ़ होता है कि दरगाह परिसर में कभी शिव मंदिर स्थित था जिसे पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए।
सुनवाई क्यों टली?
याचिका की सुनवाई शनिवार (तारीख) को निर्धारित थी, लेकिन कोर्ट स्टाफ और नगर निगम कर्मचारियों द्वारा न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इसलिए अगली सुनवाई तारीख 30 अगस्त तय की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका
इस विवाद की गंभीर संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने अजमेर में सुरक्षा कड़ी कर दी है। कोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही प्रशासन ने स्थानीय जनता से शांति और संयम बनाए रखने की अपील भी की है।
आगे की राह
30 अगस्त को सुनवाई फिर से शुरू होगी और कोर्ट यह तय करेगा कि याचिका को आगे कैसे बढ़ाया जाए। यह मामला राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के बीच भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
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