
Food Minister Lal Chand Kataruchak ने पात्र लाभार्थियों को मुफ्त गेहूं वितरण सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को युद्ध स्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए।
Food Minister Lal Chand Kataruchak News: पात्र लाभार्थियों को मुफ्त राशन (गेहूं) प्राप्त करना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ई-केवाईसी के शीघ्र पूरा होने को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों (डीएफएससी) को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में युद्ध स्तर पर प्रक्रिया पूरी करने के सख्त निर्देश दिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डी.एफ.एस.सी. के साथ समीक्षा बैठक में Food Minister Lal Chand Kataruchak को बताया गया कि राज्य में कुल 1.57 करोड़ लाभार्थियों में से 1.25 करोड़ लाभार्थियों (1,25,55,621) के संबंध में ई-के.वाई.सी. प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2025 थी, लेकिन सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद अभी भी कई लाभार्थी ऐसे हैं जिनके संबंध में ई-के.वाई.सी. नहीं हो पाई है।
“ਜਨਤਕ ਵੰਡ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਤਹਿਤ ਜੁੜੇ ਲਾਭਪਾਤਰੀਆਂ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਲਈ ਪੂਰੇ ਦੇਸ਼ ‘ਚ E-kyc ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਸੇ ਲੜੀ ਤਹਿਤ ਜੂਨ 2024 ਤੋਂ ਲਾਭਪਾਤਰੀਆਂ ਦੀ E-kyc ਦਾ ਸਿਲਸਿਲਾ ਲਗਾਤਾਰ ਜਾਰੀ ਹੈ। ਪੰਜਾਬ ਦੇ 1 ਕਰੋੜ 25 ਲੱਖ ਦੇ ਕਰੀਬ ਲਾਭਪਾਤਰੀਆਂ ਦੀ E-kyc ਮੁਕੰਮਲ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। ਰਾਸ਼ਨ ਹੋਲਡਰਾਂ ਨੂੰ ਅਪੀਲ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੇ ਸੰਬੰਧਿਤ… pic.twitter.com/BlbThwNPBT
— AAP Punjab (@AAPPunjab) July 8, 2025
इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए Food Minister Lal Chand Kataruchak ने बताया कि भारत सरकार से समय सीमा को 31 अगस्त, 2025 तक बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। Food Minister Lal Chand Kataruchak ने डी.एफ.एस.सी. को ई-के.वाई.सी. पूरा करने की प्रक्रिया में तेजी लाने, सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले डिपो धारकों की पहचान करने और ऐसे डिपो धारकों को चेतावनी देने के लिए कहा कि अगर इस संबंध में कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके डिपो रद्द कर दिए जाएंगे। Food Minister Lal Chand Kataruchak ने कहा कि यह प्रक्रिया जुलाई-अगस्त-सितंबर सर्कल में पूरी तरह से पूरी होनी चाहिए।
डी.एफ.एस.सी. को इस पहल को अंतिम रूप देने के निर्देश देते हुए Food Minister Lal Chand Kataruchak ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कोई भी पात्र लाभार्थी पीछे न छूटे तथा प्रक्रिया की अगली समीक्षा एक सप्ताह बाद की जाएगी तथा कार्य न करने वालों के प्रति शून्य सहनशीलता बरती जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि ई-केवाईसी लाभार्थी की पहचान और पते को सत्यापित करने की एक डिजिटल विधि है, जिसमें मुख्य रूप से आधार कार्ड नंबर और प्रमाणीकरण के लिए बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। पात्र लाभार्थियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत 2 श्रेणियों में गेहूं वितरित किया जाता है। अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत, प्रति परिवार और प्रति माह के आधार पर 35 किलोग्राम गेहूं दिया जाता है, जबकि प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) श्रेणी के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह के आधार पर 5 किलोग्राम गेहूं मुफ्त प्रदान किया जाता है।
इस अवसर पर अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राहुल तिवारी, निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा, अतिरिक्त सचिव पनग्रेन कमल कुमार गर्ग और अतिरिक्त निदेशक डॉ. अंजुमन भास्कर उपस्थित थे।
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