यूरोप में साइबर अटैक की संभावना के बीच जर्मनी, फ्रांस समेत 5 देशों के यूजर्स परेशान !

रूस और यूक्रेन के बीच 11वें दिन भी जारी है जंग। इसी बीच, यूरोपीय देशों में हुआ बड़ा साइबर अटैक। AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस अटैक के बाद से ही यूरोप के कई शहरों में हजारों यूजर्स का इंटरनेट बंद हो गया है।सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस दे रही कंपनी बिगब्लू के मुताबिक, उसके यूरोप,ग्रीक, पोलैंड ,जर्मनी, इटली और फ्रांस के करीब 40 हजार यूजर्स में 15 हजार यूजर्स इंटरनेट बंद होने से प्रभावित हुए। मध्य यूरोप और जर्मनी में 11 गीगावाट के करीब 5,800 एयर टर्बाइन भी बंद हो हुए है।

24 फरवरी से 9000 यूजर्स का कनेक्शन बंद है- इससे पहले भी 24 फरवरी को वायसैट पर एक बड़ा साइबर अटैक हुआ था। इसकी वजह से फ्रांस में इसकी सहायक कंपनी नॉर्डनेट सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के करीब 9 हजार यूजर्स का इंटरनेट कनेक्शन बंद हो गया। ऑरेंज के अनुसार, 24 फरवरी को जो साइबर अटैक हुआ उसके बाद से ये यूजर्स इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है।

ये भी पढ़ें :जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

यूरोप के कई शहरो पर नेटवर्क आउटेज बना हुआ है-यूटेलसेट, जो बिगब्लू की ही पैरेंटल कंपनी है, उसने भी अंदेशा जताया है की ये अटैक भी यूजर्स वायसेट पर हुए अटैक से ही प्रभावित हैं। वायसेट अमेरिका की एक बड़ी कम्युनिकेशन कंपनी है। अमेरिका में वायसेट ने बोला है कि, इस साइबर अटैक के बाद से यूरोप में यूक्रेन के साथ साथ अन्य जगहों पर भी नेटवर्क आउटेज बना हुआ है , जो भी इसके सेटेलाइट से जुड़े थे। हालांकि, वायसैट ने इस पर अभी और अधिक जानकारी नहीं दी है।इस कंपनी का बोलना है कि पुलिस साइबर क्राइम के तहत इस मामले की जांच करी जा रही है।

इधर, जर्मन मैन्युफैक्चरर एनरकॉन का कहना है कि रूस का यूक्रेन पर पहला हमला 24 फरवरी को शुरू हुआ था। एनरकॉन ने यह भी कहा कि आउटेज के चलते हजारों मात्रा में पवन ऊर्जा कन्वर्टर्स की निगरानी प्रभावित हुई। जिसके चलते मध्य यूरोप और जर्मनी में 11 गीगावाट के करीब 5,800 पवन टर्बाइन भी बंद हो गए। हालांकि, इन एयर टर्बाइनों के लिए ज्यादा खतरा नहीं है, लेकिन इन्हें रीसेट नहीं किया जा सकता।

 

Exit mobile version