अनंत सूत्र क्या है और क्यों बांधा जाता है?
अनंत सूत्र एक विशेष प्रकार का पवित्र धागा होता है, जिसमें कुल 14 गांठें होती हैं। यह धागा भगवान विष्णु की अनंत शक्ति, कृपा और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। इसे कच्चे सूत या रेशमी धागे से बनाया जाता है, जिस पर हल्दी और कुमकुम भी लगाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन इस धागे को कलाई पर बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है।
14 गांठों का धार्मिक महत्व
अनंत सूत्र में मौजूद 14 गांठें भगवान विष्णु के 14 नामों का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये नाम उनके विभिन्न रूपों और शक्तियों को दर्शाते हैं, जिनसे भक्तों को जीवन में अनंत सुख, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है। इसके अलावा, ये गांठें हिंदू धर्म के 14 लोकों (भुवन) का भी प्रतीक हैं, जो ब्रह्मांड के विभिन्न आध्यात्मिक स्तर होते हैं। ये 14 लोक इस प्रकार हैं:
- अतल
- वितल
- सुतल
- तलातल
- महातल
- रसातल
- पाताल
- भूलोक
- भुवर्लोक
- स्वार्लोक
- महर्लोक
- जनर्लोक
- तपोलोक
- सत्यलोक
कुछ मान्यताओं के अनुसार, ये 14 गांठें भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद राज्याभिषेक का भी प्रतीक हैं।
Anant Chaturdashi 2025 पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की अनंत रूप में पूजा की जाती है। पूजा की शुरुआत चौकी पर कलश स्थापित करके की जाती है, जिसमें भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है। इसके बाद, 14 गांठों वाले अनंत सूत्र को सामने रखकर ‘ॐ अनंताय नमः’ मंत्र का जाप किया जाता है। पूजा के पश्चात, यह धागा घर के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य की कलाई पर बांधा जाता है और यह वर्ष भर सुरक्षित रखा जाता है।
अनंत सूत्र धारण करने के लाभ
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है
- सभी दुख-दर्दों का अंत होता है
- भगवान विष्णु की अनंत कृपा बनी रहती है
- परिवार की रक्षा होती है
- व्रत और पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
