Delhi के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पालम इलाके में नालों की सफाई में पीडब्ल्यूडी विभाग के कथित भ्रष्टाचार की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है। इस कार्रवाई से राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक संघर्ष का एक नया फ्रंट खुल सकता है।
Delhi: भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) दिल्ली के पालम क्षेत्र में नालों की सफाई में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच करेगी। सोमवार को दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी घोषणा की। नजफगढ़ क्षेत्र के निगम पार्षद एवं अधिवक्ता अमित खरखरी ने 11 अगस्त को उप राज्यपाल को एक शिकायत में आरोप लगाया कि नालों की सफाई में लगे अधिकारी गंभीर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. राजनिवास ने बताया कि उन्हें भ्रष्ट आचरण, निर्धारित निविदा नियमों की अवहेलना और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
एक ही ठेकेदार को भुगतान
नगर पार्षद और अधिवक्ता अमित खरखरी ने एलजी वीके सक्सेना को शिकायत दी, जिसमें पीडब्ल्यूडी के सिर्फ दो डिवीजनों, 2021-22 से 2024-25 के दौरान एक ही ठेकेदार को लगभग 80 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया था।
फर्जी बिलिंग के जरिए भुगतान
दिल्ली के नजफगढ़ वार्ड 127 के नगर पार्षद अमित खरखरी ने एलजी वीके सक्सेना को शिकायत दी, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा कथित फर्जी भुगतान का आरोप लगाया गया था, जैसे टेंडर दरों में बढ़ोतरी और नालों की सफाई में फर्जी बिलिंग। साथ ही अमित खरखरी ने कहा कि सुपर-सकर मशीनों की कमी के कारण ठेकेदार ने मैनुअल स्कैवेंजरों को काम पर रखा है। एलजी ने मुख्य सचिव को एसीबी से इन आरोपों की व्यापक जांच कराने और जल्द ही एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
80 करोड़ रुपये का घोटाला
लंबे समय से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार और लगभग 80 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं। पालम क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी के साउथवेस्ट रोड-I और साउथवेस्ट रोड-II डिवीजनों में गाद हटाने के कार्य से कथित भ्रष्टाचार का मामला जुड़ा हुआ है। एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एसीबी जांच के आदेशों से अवगत कराया है।
शिकायत में ये आरोप
1. 2022 के मानसून के दौरान नालों की सफाई में भ्रष्टाचार
2. जाफरपुर में विभिन्न स्थानों पर सीवरेज पंपों की स्थापना में गड़बड़ी
3. कार्य की माप में अनियमितता, एक ही काम के लिए डबल पेमेंट
4. काम था नहीं लेकिन उसकी जरूरत दिखाई गई
5. सब-डिवीजन टेंडरों का दुरुपयोग
6. टेंडर नियमों का उल्लंघन और मैला ढोने की प्रथा को बढ़ावा देना
7. टेंडर दरों में भारी बढ़ोतरी और धन का दुरुपयोग
8. लगातार चार वर्षों तक धोखाधड़ी से बिल बनाना
9. आरटीआई आवेदनों में बाधा डालना और कवर-अप की कोशिशें
10. एनआईटी प्रक्रिया में हेराफेरी और अधिक बिल बनाना
11. धोखाधड़ी से भुगतान और एक ही ठेकेदार को ठेका दिया गया
अधिकारियों पर गंभीर आरोप
11 अगस्त को अमित खरखरी ने एलजी को शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि परियोजना में शामिल अधिकारी गंभीर अनियमितताओं में शामिल हैं। सरकारी धन का दुरुपयोग और निविदा नियमों की अवहेलना सहित गंभीर गैरकानूनी व्यवहार शामिल हैं। शिकायत में कहा गया है कि एक ही ठेकेदार को नियमों का उल्लंघन करते हुए नालों की सफाई का ठेका देकर अनुचित रूप से लाभ पहुंचाया गया, जिससे सरकारी खजाने को क्षति पहुंची।