Badrinath Dham Yatra 2024
Badrinath Dham Yatra 2024: इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख मई में निर्धारित की गई है। भक्तों को पता है कि साल 2024 में वे ब्रदीनाथ धाम में दर्शन कर पाएंगे, कब और कपाट खुलने का मुहूर्त।
उत्तराखंड के चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट खुलने की तारीख घोषित हो चुकी है। बद्रीनाथ धाम, नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में स्थित है, लोगों की श्रद्धा का अनूठा केंद्र है। ग्रीष्मकाल में भगवान बद्रीनाथ को देखने के लिए हर साल हजारों लोग बद्रीनाथ धाम आते हैं। शास्त्रों में बद्रीनाथ को वैकुंठ धाम भी कहा जाता है।
जैसा कि कहा जाता है, “जो जाए बद्री, वो न आए ओदरी”, बद्रीनाथ को देखने से व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बंधन से छुटकारा मिलता है। हम आपको बताते हैं कि बद्रीनाथ धाम 2024 में कब खुलेंगे और कैसे इसके कपाट खुलेंगे।
बद्रीनाथ धाम 2024 में कब खुलेंगे (Badrinath Dham Yatra 2024 Start date)
12 मई 2024 को सुबह 6 बजे ब्रह्म मुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। शीतकाल ऋतु में मंदिर छह महीने के लिए बंद रहता है, माना जाता है कि श्रीहरि विष्णु इस दौरान विश्राम करते हैं।
ऐसे तय होती है बद्रीनाथ धान के कपाट खोलने की तिथि
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार निर्धारित की जाती है। टिहरी के राज दरबार हर साल बसंत पंचमी के दिन राजपुरोहित राजा की कुंडली में ग्रह-दशा की गणना करके तिथि निर्धारित करता है। भगवान बद्री विशाल का सबसे बड़ा देवता माना जाता है टिहरी नरेश। यहां राजशाही काल से ही धाम की व्यवस्था की जाती है, और राजमहल से मंदिर के खुलने-बंद होने की सूचना दी जाती है।
कपाट खुलने के बाद ऐसे होता है अभिषेक
गाड़ू घड़ा यात्रा की प्रक्रिया कपाट खोलने के कुछ दिन पहले ही शुरू होती है। इसमें महारानी राज्य लक्ष्मी शाह ने नरेंद्र नगर राजमहल में सुहागिन महिलाओं के साथ व्रत रखकर मूसल-ओखली और सिलबट्टे से तिल का तेल पिरोया है। जिस घड़े में इस तेल को रखा जाता है, उसे गाड़ू कहते हैं। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में गाड़ू घड़ा रखने के बाद बद्री विशाल की प्रतिमा को इसी तिले से अभिषेक किया जाता है।
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