ChatGPT बना युवाओं का सबसे बड़ा दोस्त: 88% छात्र तनाव में AI का सहारा लेकर बांटते हैं दिल की बातें

भारत में 88% छात्र तनाव और अकेलेपन में ChatGPT जैसे AI टूल्स का सहारा लेते हैं। जानिए कैसे AI युवाओं का डिजिटल साथी बन रहा है और इसके फायदे-नुकसान क्या हैं।

ChatGPT जैसे AI टूल्स: आज के युवा कई मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, खासकर पढ़ाई, करियर और भविष्य को लेकर बढ़ते तनाव के चलते। ऐसे में एक नए सर्वे में खुलासा हुआ है कि भारत के 88% छात्र तनाव और अकेलेपन के समय ChatGPT जैसे AI टूल्स का सहारा लेते हैं। ये डिजिटल सहायक अब सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि इमोशनल सपोर्ट का भी माध्यम बन गए हैं।

ChatGPT और AI बने डिजिटल साथी

Youth Ki Awaaz (YKA) और YLAC द्वारा जून 2025 में किए गए सर्वे “Are You There, AI?” में 13 से 35 साल के 506 छात्रों ने हिस्सा लिया। सर्वे में यह पता चला कि छात्र अब अपने दिल की बातें दोस्तों या परिवार के बजाय AI टूल्स के साथ साझा करते हैं। सबसे खास बात यह है कि AI कभी जज नहीं करता, न ही डांटता है, और हमेशा तुरंत जवाब देता है। यही वजह है कि युवा इसे भरोसेमंद और सुरक्षित साथी मानते हैं।

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महिलाएं और छोटे शहरों के छात्र ज्यादा भरोसेमंद

सर्वे के अनुसार, 52% युवा महिलाएं अपने जज्बात AI के साथ साझा करती हैं, जो पुरुषों से लगभग दोगुना है। महिलाएं AI को एक सुरक्षित और बिना फैसले वाला साथी मानती हैं। इसके अलावा, छोटे शहरों के 43% छात्र भी ChatGPT और अन्य AI टूल्स पर निर्भर हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का संकेत देता है।

ChatGPT सबसे लोकप्रिय AI टूल

छात्रों के बीच ChatGPT सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला AI टूल है। इसकी सरल बातचीत शैली, तुरंत जवाब देने की क्षमता और कहीं भी, कभी भी उपलब्ध रहने की खासियत इसे युवाओं में बेहद लोकप्रिय बनाती है। यह न केवल शैक्षिक मददगार है, बल्कि भावनात्मक परेशानियों में भी सहारा देता है।

AI से जुड़ी चिंताएं भी हैं

हालांकि AI का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं। सर्वे में 67% छात्रों ने माना कि AI के ज्यादा इस्तेमाल से वे सामाजिक अलगाव की ओर बढ़ सकते हैं। साथ ही, 58% छात्र डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यह दर्शाता है कि AI सहारा तो देता है, लेकिन यह इंसानी रिश्तों की जगह नहीं ले सकता।

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