मध्य प्रदेश

Chief Minister Dr. Yadav :मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए आज का दिन ऐतिहासिक

Chief Minister Dr. Yadav : प्रधानमंत्री की उपस्थिति में परियोजना के अनुबंध सहमति पत्र पर जयपुर में हुए हस्ताक्षर

  • मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों को “सुजलाम्-सुफलाम्” बनाएगी पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना : प्रधानमंत्री श्री मोदी
TN5 Bhopal171224052852

MP  Chief Minister Dr. Yadav : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पार्वती- कालीसिंध -चंबल लिंक परियोजना मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों को “सुजलाम्-सुफलाम्” बनाएगी। आज यहां पर मध्य प्रदेश राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच जो अनुबंध सहमति पत्र (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) हस्ताक्षरित हुआ है, वह सामान्य सहमति पत्र नहीं है, यह आने वाले कई दशकों तक याद रखा जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार तथा जनता सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि परियोजना पर बिना रुके काम आगे बढ़ता रहेगा और समय से पहले परियोजना पूरी होगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी मंगलवार को जयपुर में राजस्थान सरकार के 1 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण/भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल और मध्यप्रदेश के Chief Minister Dr. Yadav विशेष रूप से उपस्थित है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की उपस्थिति में परियोजना के अनुबंध सहमति पत्र (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) पर मध्य प्रदेश राजस्थान और केंद्र सरकार की ओर से हस्ताक्षर किए गए। इसके पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चंबल नदी के जल से युक्त कलश के जल को एक बड़े कलश में प्रवाहित किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिए गए कालीसिंध नदी के जल से युक्त कलश के जल और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा दिए गए पार्वती नदी के जल से युक्त कलश के जल को भी उसी बड़े कलश में प्रवाहित किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने नदियों को जोड़ने का विजन (सपना) रखा था और उसके लिए विशेष समिति भी बनाई गई थी। नदियों को जोड़ने की योजना तो बन गई पर उन्हें पूर्व सरकारों ने अनावश्यक रूप से उलझाए रखा। परंतु हमारी सरकार विवाद नहीं- संवाद की, विरोध नहीं- सहयोग की नीति पर कार्य करती है। इसी का परिणाम है कि आज पार्वती- कालीसिंध -चंबल लिंक परियोजना के अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। परियोजना के अंतर्गत चंबल व उसकी सहायक नदियों पार्वती, कालीसिंध और चम्बल को आपस में जोड़ा जाएगा। इससे मध्यप्रदेश और राजस्थान में विकास के नए द्वार खुलेंगे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि नदियों को जोड़ने से बाढ़ व सूखे दोनों समस्याओं का समाधान संभव है। हम जल के महत्व को समझते हैं। पानी पारस है, जहां भी स्पर्श करता है, नई ऊर्जा व शक्ति को जन्म देता है। यह नदियों के पानी को जोड़ने का ही परिणाम है कि साबरमती नदी जो एकदम सूख गई थी, आज फिर से सजीव हो गई है। पार्वती- कालीसिंध -चंबल लिंक परियोजना से दोनों राज्यों को सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल के नेतृत्व में देश में जन भागीदारी से जलसंरक्षण का एक बहुत बड़ा अभियान “रैन वाटर हार्वेस्टिंग” चलाया जा रहा है। इससे बारिश की एक-एक बूंद पानी धरती में उतारा जाएगा और धरती मां की प्यास बुझाई जाएगी। हमारा दायित्व है आने वाली पीढ़ी को “सुजलाम् सुफलाम्” धरती माता देना, जल संसाधनों का संरक्षण करना और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल करना हर नागरिक की जिम्मेवारी है। हम अपनी दिनचर्या में जल संरक्षण के लिए समय निकालें। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से जुड़ें। यह अपनी मां और धरती मां दोनों का सम्मान है।

मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन

Chief Minister Dr. Yadav ने कहा है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। मध्यप्रदेश 20 वर्षों के इतंजार और उपेक्षा के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से यह परियोजना पूर्ण हो सकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युग के भागीरथ की तरह उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश को इस परियोजना के माध्यम से जल प्रवाह की सौगात दी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लिए यह एक अद्वितिय योजना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की वर्तमान सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर इससे बड़ा तोहफा कोई दूसरा नहीं हो सकता, जिसे देने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं पधारे हैं।

परियोजना के लिए 90 प्रतिशत राशि केन्द्र से

Chief Minister Dr. Yadav  ने कहा कि इस परियोजना के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि केन्द्र द्वारा स्वयं 90 प्रतिशत की राशि इस परियोजना में मध्यप्रदेश और राजस्थान को मात्र पांच-पांच प्रतिशत ही व्यय करना होगा। इस प्रकार 77 हजार करोड़ की इस परियोजना इस परियोजना में 70 हजार करोड़ की राशि केन्द्र सरकार द्वारा और साढ़े तीन-तीन हजार करोड़ मध्यप्रदेश औरराजस्थान सरकार व्यय करेगी। परियोजना से श्योपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर सहित आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर इत्यादि संपूर्ण पश्चिमी मध्यप्रदेश में पीने के पानी और सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। परियोजना से प्रदेश के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा। मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर एवं वितरण-तंत्र प्रणाली के आधुनिकीकरण कार्य से भिंड, मुरैना एवं श्योपुर जिले में कृषकों की मांग अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किये जाएंगे।

Related Articles

Back to top button