वैलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी से हो चुकी है। रोज़ डे के साथ प्यार का इजहार और वैलेंटाइन वीक को सेलिब्रेट करने की शुरुआत हो जाती है। दुनिया भर में लोग 7 फरवरी से 14 फरवरी तक वैलेंटाइन वीक के रूप में प्यार का त्यौहार जैसे मनाते हैं। रोज के बाद प्रपोज डे होता है और इसके अगले ही दिन चॉकलेट डे होता है। शायद दुनिया भर में फूलों और गिफ्ट के साथ अपना प्यार का इजहार करने के बाद लोग कुछ मीठा हो जाए इसलिए चॉकलेट डे मनाते हैं। 9 फरवरी चॉकलेट डे है इस दिन कपल एक दूसरे को प्यार इजहार के साथ गिफ्ट के रूप में चॉकलेट देते हैं।
यूं तो हर उमर के लोगों को चॉकलेट पसंद होता है बच्चे हों या बड़े सभी चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। चॉकलेट खाने के अपने अलग फायदे भी हैं। आपको बता दें कि ये माना जाता है कि चॉकलेट खाने से स्ट्रेस कम होता है और शरीर की थकावट कम होती है।
क्या आप जानते हैं की जिस चॉकलेट को हमने अपनी लाइफ में सेलिब्रेशन का हिस्सा बनाया हुआ है उसकी शुरुआत कब कैसे कहाँ हुई थी। चलिए हम आज आपको बताते हैं आखिर दुनिया भर में लोगों की पसंद बनी इस चॉकलेट का इतिहास क्या है।
अमेरिका से हुई चॉकलेट की शुरुआत
ऐसा माना जाता है कि कोको पेड़ सबसे पहले अमेरिका के जंगलों में पाया गया था। वही सबसे पहले चॉकलेट बनाने की शुरुआत हुई। शुरुआत में चॉकलेट को अलग अलग तरीकों से बनाया जाता था। लेकिन समय के साथ इसे बनाने के तरीकों में काफी बदलाव आते गए और आज बिकने वाला चॉकलेट स्वाद में काफी बेहतरीन है। कहा जाता है कि सबसे पहले अमेरिका में चॉकलेट बनाया गया था लेकिन शुरुआती समय में इसके स्वाद में कुछ तीखापन था दरअसल अमेरिकन इसे बनाने के लिए को को के बीज के साथ कुछ मसाले और मिर्च भी पीस कर डालते थे जिससे स्वाद तीखा हो जाता था।
कई हजार साल पुराना है चॉकलेट का इतिहास
खबरों के अनुसार चॉकलेट का इतिहास लगभग 4000 साल पुराना है। चॉकलेट कोको से बनाया जाता है और माना जाता है कि सबसे पहले कोको का पेड़ अमेरिका के जंगलों में पाया गया था। वही इसका आविष्कार हुआ। हालांकि आज के दौर में दुनिया भर में सबसे ज्यादा कोको की पूर्ति करने वाला देश अफ्रीका है। दुनिया भर में 70 फीसदी हुआ को को की आपूर्ति अकेले अफ्रीका ही करता है। चॉकलेट के आविष्कार की कहानी भी बहुत रोचक है स्पेन ने 1528 में मैक्सिको को अपने कब्जे में कर लिया था इसके साथ ही वहाँ का राजा मैक्सिको से कोको के बीज और सामग्री को भी स्पेन ले गया। कुछ ही समय में कोको वहाँ का पसंदीदा पेय बन गया।