दिल्ली की CM Atishi ने प्रदूषण को उत्तर भारत में एक चिकित्सकीय आपातकाल बताते हुए केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है।
दिल्ली की CM Atishi ने प्रदूषण को उत्तर भारत में एक चिकित्सकीय आपातकाल बताते हुए केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जबकि पंजाब में अब कम हो गई हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा, ‘आज दिल्ली के लोग परेशान हैं। दिल्लीवासी सांस नहीं ले पा रहे हैं। कल रात भर मुझे फोन आते रहे। किसी को अपने बुजुर्ग माता-पिता को सांस लेने में आने वाली समस्याओं के कारण अस्पताल ले जाना पड़ा। किसी को अपने बच्चों को स्ट्रायड इंजेक्शन देने के लिए एक केमिस्ट की जगह चाहिए थी। बुजुर्ग व्यक्ति सांस नहीं ले पा रहे है और अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। बच्चे सांस नहीं ले पा रहे है। स्ट्रायड को इनहेलर की जरूरत थी। क्या है? क्योंकि पूरे देश में पराली जल रही है पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रत्येक राज्य में पराली जलाई जाती है। केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।’
आतिशी ने कहा कि आज पूरे उत्तरी भारत को एक मेडिकल इमरजेंसी में डाल दिया गया है। यदि आप दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, जयपुर, बीकानेर, पटना, लखनऊ या दिल्ली में हैं, तो आज एकक्यूआई बहुत बुरी और सीवियर स्थिति में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद हर दिन सूचना देती है कि किस शहर में सबसे अधिक प्रदूषण है। रविवार शाम चार बजे तक प्राप्त डेटा के अनुसार, उत्तरी भारत के सभी शहरों का डेटा बहुत खराब है। बहादुगढ़ में 445, बल्लभगढ़ 301, भिवाड़ी 345, भिवानी 415, एक के बाद एक गाजियाबाद 362, ग्रेटर नोएडा 362, हापुड़ 351, हिसाब 365, आप इस कागज को पढते जाइएं। आज देशभर के लोग सांस नहीं ले पा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली के आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हर जगह पराल जल रहा है। पंजाब देश का एक राज्य है। डेटा देखिए पंजाब में 2021 में 71300 पराली जली थी, 36650 हो गया है पिछले साल। अब तक पंजाब में कुल 8404 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, जो लगभग 90% है। किंतु उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में 60 % मामले बढ़े हैं, जैसा कि अन्य राज्यों के आंकड़े दिखाते हैं। Rajasthan में पराली जलाई जा रही है। 2020 में राजस्थान में 430 घटनाएं हुईं, जो 2024 में 1926 तक पहुंच गईं। आज देश में सबसे ज्यादा पराली मध्य प्रदेश में जलाई जाती है। केंद्र सरकार के खुद के आंकड़े बताते हैं कि 15 सितंबर से 17 नवंबर तक 9600 पराली की घटनाएं हुईं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश के शहरों के आंकड़े खराब श्रेणी में पहुंच गए है।
आतिशी ने कहा कि पिछले छह से सात साल से देश में पराली जलाना बढ़ता जा रहा है, इसलिए मैं आज में केंद्र सरकार से जानना चाहता हूँ। सभी राज्यों में वृद्धि हो रही है। पिछले छह वर्षों में केंद्रीय सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया है? अगर पंजाब सरकार पराली जलाने की प्रवृत्ति को कम कर सकती है। अगर 80 प्रतिशत कम कर सकती है तो दूसरे राज्यों में क्यों बढ़ रही है? क्यों पूरे नार्थ इंडिया को मेडिकल इमरजेंसी में धकेल दिया गया है? आज उत्तर भारत के किसी भी शहर के किसी भी अस्पताल में बुजुर्गों को एडमिट किया जाएगा। बच्चे आपको अस्पताल में देखेंगे। क्यों केंद्र सरकार इस मुद्दे पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति कर रही है? पराली जलाने की घटनाओ को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठआ रही है।
उन्होंने कहा, “भाजपा औप केंद्र सरकार से अपील करना चाहती हूं कि जब पराली का धुंआ आता है तो यह नहीं देखता कि मध्य प्रदेश यहां खत्म हो गया है, दिल्ली यहां शुरू हो गया है।” पराली का धुंआ यह नहीं देखता कि दिल्ली में आप की यूपी में भाजपा की सरकार है। चाहे आपकी सरकार हो या नहीं, हर राज्य में हर बुजुर्ग को सांस लेने में मुश्किल हो रही है। जब देश भर में आग लगने से मेडिकल इमरजेंसी पैदा होती है, तो केंद्र सरकार को जवाब देना होगा। केंद्र सरकार को कदम उठाना पड़ेगा। ये उनका काम है। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि राजनीति करना बंद करें, सामने आएं और उत्तर भारत के सभी राज्यों की घटनाओं में पराली जलाने की घटनाओं को बंद करें।’
भाजपा नेताओं द्वारा मास्क बांटने पर आतिशी की प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं को मास्क देने के सवाल पर आतिशी ने कहा, “भाजपा के नेताओं, उनकी केंद्र सरकार को बस हाथ जोड़कर विनती करना चाहती हूं कि इस पराली के मुद्दे पर राजनीति बंद करके काम करके दिखाइए।”पंजाब की सरकार ने दिखा दिया है कि अगर सरकार चाहे तो पराली जलाने की घटनाएं कम हो सकती है, तो फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश हरियाणा में क्यों बढ़ रही है। देश के सभी राज्यों में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। उत्तर भारत के हर शहर में प्रदूषण की स्थिति खराब है। कौन जिम्मेदार इसके लिए।क्योंकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदारी है। केंद्र में भाजपा की सरकार है। देशभर में पराली जल रही है तो उसका समाधान करना उनकी जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार और भाजपा को राजनीति बंद करना चाहिए, पराली की घटनाएं कम करने के लिए काम करना चाहिए।’