
CM Nayab Saini को उनके विशिष्ट योगदान के लिए विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया।
CM Nayab Saini को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। विश्वविद्यालय ने अंतरिक्ष में भारत का गौरव बढ़ाने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को मानद उपाधि और गोयल पीस प्राइज से भी सम्मानित किया।
दीक्षांत समारोह में लगभग 2000 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई, 130 पंजीकृत पीएचडी धारकों को पीएचडी की उपाधि दी गई और 91 पंजीकृत विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और मेरिट सर्टिफिकेट दिए गए।
CM Nayab Saini ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत की आजादी के सौ वर्षों में एक विकसित देश बनेगा। भारत उन क्रांतिकारी वीरों का सपना बन गया, जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपनी जान दे दी। 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने में युवाओं का सबसे बड़ा योगदान होगा। युवाओं को मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से मजबूत बनना होगा और अपने जीवन लक्ष्यों को पूरा करना होगा।
CM Nayab Saini ने पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी
CM Nayab Saini ने पीएचडी की उपाधि से विभूषित और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत का सम्मान है, न कि सिर्फ एक डिग्री। उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों को भी बधाई दी। उन्होंने इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को गोयल पीस प्राइज और मानद उपाधि से सम्मानित करने पर बधाई दी। 1956 में, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी, उन्होंने कहा। तब से लेकर विश्वविद्यालय ने बहुत कुछ बदला है। उनका कहना था कि हरियाणा ने शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक, शोध और औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति करके देश में एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने कहा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने इस पहचान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे शिक्षण संस्थानों की क्षमता से हरियाणा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू किया है।
CM Nayab Saini ने कहा कि हरियाणा में एक दशक पहले तक बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के कॉलेजों में जाना पड़ता था। इसलिए अधिकांश बेटियां स्कूल नहीं जाती थीं। सरकार ने उनकी परेशानियों को समझते हुए एक मार्गचित्र बनाया और हर 20 किलोमीटर पर एक कॉलेज बनाने का फैसला किया। 79 कॉलेज पिछले दस वर्षों में खोले गए, जिनमें से 30 केवल लड़कियों के लिए हैं। उनका कहना था कि सरकार चाहती है कि हर बच्चे को घर के नजदीक गुणवत्तापूर्ण स्कूल मिल जाए। उनका कहना था कि राज्य सरकार युवाओं की शिक्षा के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी जोर दे रही है। समय की मांग के अनुसार स्कूल से विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है।
इसके अलावा, स्कूलों में एनएसएसक्यूएफ, कॉलेजों में पहल योजनाओं, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूयबेशन सेंटरों और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों के लिए एमओयू बनाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार ने इस वर्ष के बजट के लिए युवाओं से सुझाव भी मांगे हैं, ताकि वह समावेशी और हर वर्ग के विकास का बजट बना सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवा स्टार्टअप के माध्यम से आज नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, यह गर्व की बात है।