11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सामूहिक योग सत्र में भाग लिया।
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आयोजित सामूहिक योग सत्र में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने योग साधकों और प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के चारों पुरुषार्थ — धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष — की प्राप्ति एक स्वस्थ शरीर के माध्यम से ही संभव है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शरीर की तंदुरुस्ती न केवल भौतिक जीवन की सफलता का आधार है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन है।
योगाभ्यास कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय दर्शन और मनीषा की एक अनमोल देन है, जिसने न केवल भारत बल्कि समूचे विश्व को कल्याण का मार्ग दिखाया है। उन्होंने यह भी कहा कि आज 11वें योग दिवस पर करीब 190 देशों में भारत की इस सांस्कृतिक विरासत को अपनाया जा रहा है, जिससे वैश्विक मंच पर देश का गौरव बढ़ा है।
योगाभ्यास से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने योग साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा से निकला वह मंत्र है, जो न केवल तन की सेहत बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ का उल्लेख करते हुए बताया कि धर्म पालन, जीवन की आकांक्षाओं की पूर्ति और मुक्ति प्राप्त करने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया कि योग भारतीय संस्कृति का वह माध्यम है, जिसके द्वारा लोक कल्याण और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि योग न केवल स्वास्थ्य लाभ का माध्यम है, बल्कि चेतना के उच्चतम स्तरों तक पहुँचने का मार्ग भी है। भारतीय वेद, उपनिषद, पुराण और शास्त्रों में योग के इस व्यापक ज्ञान को संजोया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की कि उन्होंने योग को वैश्विक पहचान दिलाने का कार्य किया। उन्होंने याद दिलाया कि जब विश्व में अन्य देश योग के विभिन्न आसनों को पेटेंट कराने का प्रयास कर रहे थे, तब पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पहल करके 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाई। इसी के फलस्वरूप आज दुनिया के 190 से अधिक देश योग दिवस मना रहे हैं।
‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’
योग भारत की ऋषि परंपरा का एक ऐसा मंत्र है, जो स्वस्थ काया के साथ ही हमको स्वस्थ मस्तिष्क भी प्रदान करता है।
हर भारतवासी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभारी है, जिन्होंने योग की इस विरासत को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाकर 21 जून की… pic.twitter.com/72upGVUSb5
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2025
सीएम योगी आदित्यनाथ ने योग को बीमारी, बुढ़ापे और मृत्यु से मुक्ति का साधन बताते हुए कहा — ‘न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्’। यानी योगाभ्यास से शरीर इतना मजबूत और ऊर्जावान बनता है कि रोग, जरा और मृत्यु भी उसे छू नहीं पाते।
गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन भी देखा और सुना। उसके बाद उन्होंने उपस्थित योग प्रशिक्षकों और साधकों के साथ विभिन्न योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया। योग, सीएम योगी की दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है।
कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल और कई अन्य अधिकारी, योग प्रशिक्षु और आम नागरिक उपस्थित रहे। गोरखनाथ मंदिर परिसर के अन्य हिस्सों में भी सामूहिक योग अभ्यास का आयोजन किया गया।