CM Yogi: यूपी में नजूल अध्यादेश अभी भी लागू है, गैर विवादित भूमि फ्री होल्ड करने का खुलेगा रास्ता, क्या प्रबंध हैं?
CM Yogi: उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अधिनियम 2024 अभी भी लागू है। यूपी की योगी सरकार गैर-विवादित नजूल भूमि वालों को राहत दे सकती है। बिल अभी भी विधानपरिषद में है। प्रवर समिति को वहीं से भेजा गया है। बिल शायद कुछ बदलावों के साथ वापस आ जाएगा।
CM Yogi: यूपी की योगी सरकार गैर-विवादित नजूल भूमि वालों को राहत दे सकती है। विधान परिषद की वरिष्ठ समिति की रिपोर्टों का इंतजार है। आवास विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अधिनियम-2024 अभी भी प्रभावी है। विधेयक विधानसभा में पेश होने के बाद चौबीस दिन तक लागू रहता है। 9 सितंबर को समाप्ति तिथि है। इसके बाद अध्यादेश स्वचालित रूप से असफल हो जाएगा। यह विधेयक विधानपरिषद में पारित नहीं हुआ है, इसलिए प्रवर समिति की प्रस्तावों को लागू करने के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। गैर-विवादित पक्षों को राहत मिलने की उम्मीद है, इसलिए विधेयक में संशोधन होगा।
2020 से यूपी में फ्री होल्ड पर है रोक
प्रदेश की नजूल जमीन को लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण और राज्य के अन्य शहरों में जिला प्रशासन संभालता है। आवास विभाग ने गर्वंमेंट ग्रांट अधिनियम-1865 के आधार पर नजूल जमीनों को फ्री होल्ड करने के लिए बार-बार शासनादेश जारी किए हैं, लेकिन 2020 में इसके समाप्त होने के बाद आवास विभाग ने इसे बंद कर दिया। इसके बाद, जमीन को मुफ्त होल्ड करने के बारे में विभिन्न न्यायालयों में बहस बढ़ी। बाद में, आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) अधिनियम, 2024 पारित किया। यह राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हुआ।
विधयेक पास करना आवश्यक है
अध्यादेश सरकारी आवश्यकताओं के लिए लाया जाता है, लेकिन इसे विधेयक के रूप में विधानसभा में पास करना चाहिए। विधानसभा की शुरुआत से छह हफ्ते, या चौबीस दिनों तक ही अध्यादेश लागू रहता है। विधेयक स्वतः निष्प्रभावी हो जाता है अगर वह उपस्थित नहीं है। यह विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद विधान परिषद में फंस गया है। इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया है।
इससे लोगों को राहत मिलेगी और विधेयक में संशोधन होगा। हालाँकि, विधेयक की धारा पांच-2 में पहले से ही स्पष्ट किया गया था कि गैर-विवादित प्रकृति की संपत्ति को विशेष परिस्थितियों में स्वतंत्र रूप से सुरक्षित रखने का अधिकार है। यही कारण है कि अब इसमें सुधार और राहत दी जाएगी।