Delhi School News: दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने स्कूल के साहित्य और पोशाक खरीदने का आदेश दिया। साथ ही शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल दिए हैं।
Delhi School News: दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की अनियमितता को नियंत्रित करने के लिए कड़े आदेश जारी किए हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि निजी स्कूलों के अभिभावकों को किताबें और पोशाक किसी विशिष्ट संस्था या दुकान से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ BNS के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
दिल्ली सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों को महंगी किताबें और पोशाक स्कूल में ही खरीदनी पड़ी है। कई स्कूलों को विशेष दुकानों से ही सामान खरीदने का दबाव था। सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अभिभावक किताबें और यूनिफॉर्म किसी भी दुकान या बाजार से खरीद सकते हैं, और स्कूल इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने कहा कि किसी भी निजी स्कूल को इस आदेश की अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मदद करने के लिए अभिभावकों को हेल्पलाइन नंबर (9818154069) और ईमेल आईडी (ddeac1@gmail.com) प्रदान किया गया है। स्कूल के नियमों का उल्लंघन करने पर अभिभावक इस हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
नियमित शिकायतों के बाद सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया
बीते कुछ वर्षों में लगातार शिकायतें मिलती रही हैं कि निजी स्कूलों ने अभिभावकों को बेहद महंगी किताबें और उपकरण खरीदने पर मजबूर कर दिया है। स्कूलों में महंगी किताबें और विशेष डिजाइन की पोशाक बेची जाती हैं, इससे अभिभावकों को नुकसान होता है। खासकर नए सत्र की शुरुआत में स्कूलों की यह मनमानी अधिक देखने को मिलती है।
दिल्ली सरकार का यह आदेश निजी स्कूलों की अनियमितता को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि स्कूलों को अभिभावकों को बाजार में उपलब्ध किताबों और उपकरणों की सूची देनी होगी।
नियमों को तोड़ने पर सख्त कार्रवाई होगी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उसके लाइसेंस को रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को इस आदेश का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा है।
दिल्ली सरकार का यह फैसला उन लाखों अभिभावकों के लिए राहत लेकर आया है, जो हर साल स्कूलों की मनमानी का शिकार होते हैं. अब सरकार की इस सख्ती के बाद उम्मीद है कि अभिभावकों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपनी पसंद से किताबें और यूनिफॉर्म खरीद सकेंगे