बलजीत कौर: प्रतिवर्ष 4,000 महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण – मंत्री ने एसओएसवीए के प्रमुख कार्यक्रम की प्रशंसा की
- कौशल प्रशिक्षण के बाद हाशिए पर रहने वाली महिलाएं अब ₹15,000-₹20,000 मासिक कमा रही हैं
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज एमजीएसआईपीए में राज्य सामाजिक सेवा एवं स्वैच्छिक कार्रवाई संगठन (एसओएसवीए) द्वारा प्रवर्तित गैर सरकारी संगठनों की समीक्षा बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
मंत्री बलजीत कौर ने राज्य भर में महिला सशक्तिकरण और प्रजनन-शिशु स्वास्थ्य परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एसओएसवीए की सराहना की। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा मातृ-स्वयंसेवी के रूप में नामित एसओएसवीए 2002 से सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है और कमजोर छात्रों के लिए उपचारात्मक कोचिंग, चंडीगढ़ में आईडीयू परियोजनाएँ, और फगवाड़ा में एफएसडब्ल्यू एवं आईडीयू परियोजनाएँ जैसी पहलों को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रहा है।
डॉ. बलजीत कौर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महिला सशक्तिकरण SOSVA के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में उभरा है, जिसके तहत गरीब और ज़रूरतमंद महिलाओं को त्वचा एवं बालों की देखभाल, कटिंग एवं टेलरिंग, और कंप्यूटर एप्लीकेशन का प्रशिक्षण दिया जाता है। पंजाब भर में लगभग 3,000 से 4,000 महिलाएँ हर साल 65 गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से संचालित 98 परियोजनाओं के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं।
मंत्री ने कहा कि ये पहल पंजाब भर में महिलाओं को सार्थक कौशल प्रशिक्षण और स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार उन सभी गैर-सरकारी संगठनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है जो राज्य भर में लड़कियों और महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करके उन्हें सशक्त बना रहे हैं।
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बलजीत कौर ने बताया कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की महिलाओं को काफ़ी लाभ पहुँचा रहे हैं, जिससे उन्हें रोज़गार पाने या घर-आधारित उद्यम शुरू करने में मदद मिल रही है। एसओएसवीए की प्रतिक्रिया के अनुसार, कई प्रशिक्षित महिलाएँ अब अपने कौशल स्तर और कार्यक्षेत्र के आधार पर ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह कमा रही हैं। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि कई महिलाएँ सिलाई की दुकानें, बुटीक और ब्यूटी पार्लर जैसी अपनी छोटी-छोटी इकाइयाँ शुरू करके आत्मनिर्भर बन गई हैं। मंत्री महोदया ने आगे कहा कि प्रशिक्षण मॉड्यूल कठोर हैं, योग्य प्रशिक्षकों द्वारा निगरानी की जाती है और कौशल दक्षता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं।
इन परियोजनाओं की निगरानी वरिष्ठ सेवानिवृत्त सरकारी, सेना, बैंकिंग और विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा की जाती है जो गुणवत्ता सुनिश्चित करने और कार्यान्वयन में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
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