Farmer Protest
Farmer Protest: किसान एमएसपी सहित कृषि मांगों को लेकर फिर से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को देखते हुए जींद के सभी बॉर्डर सील हो गए हैं।
13 फरवरी से किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदलोन करने का आह्वान किया। लाखों किसान पंजाब और हरियाणा से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए, और कुछ अभी भी दिल्ली की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। किसानों की दिल्ली की ओर पलायन को देखते हुए जींद के सभी बॉर्डरों को बंद कर दिया गया है। जिससे हजारों किसानों ने सिर्फ बॉर्डरों पर धरना दिया है। किसानों की सबसे बड़ी समस्याएं क्या हैं? आंदोलन पर उनकी राय वे किसान आंदोलन में शामिल हैं या नहीं। सरकार MSP की गारंटी देनी चाहिए या नहीं। एबीपी न्यूज़ ने इन सभी मुद्दों पर जींद के किसानों से बातचीत की है।
Farmer Protest: जींद के किसान टेकराम कंडेला ने कहा कि दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कई मांगें पूरी करने का वादा किया था। बहुत सी मांगे अधूरी पड़ी हैं। एमएसपी स्वामीनाथन रिपोर्ट की तरह। विद्युत संशोधन बिल है। मनरेगा कार्यक्रम को कृषि से जोड़ना चाहिए। मुकदमे भी लंबित हैं। किसान इन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हम भी इस अभियान के साथ हैं और इसका पूरा समर्थन करते हैं।
किसानों ने क्या कहा?
Farmer Protest: सरकार को जल्द ही किसानों की सभी मांगे सुननी चाहिए। पिछली सारी सरकारें आज के किसानों की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। जीरी और गेहूं की फसल बहुत महंगी हैं। खर्चा बहुत अधिक है। बचा नहीं है। चुनाव के दौरान सभी किसानों को याद किया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद कोई पार्टी किसानों को नहीं याद करती। केंद्रीय सरकार MSP की गारंटी देनी चाहिए। स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और किसानों के कर्जे माफ करने चाहिए। साथ ही अन्य मांगों को जल्द पूरा करना चाहिए।
Farmer Protest: जींद के एक अन्य किसान का कहना है कि केंद्र सरकार ने किसानों को दिल्ली में बैठक में झूठा आश्वासन देकर उठा दिया था। किसानों को अब अपनी मांगों को लेकर फिर से आंदोलन करना होगा। हम किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं क्योंकि यह सही है। यह किसान नेता कहता है कि खेती करना बहुत महंगा है। बिजली की समस्या है। दवा की लागत है। सिंचाई लागत है। बीज की लागत है। काम है। हर चीज महंगी है। सरकार को एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए।
Farmer Protest: जींद के एक और किसान ने कहा कि आप सब क्या समझते हैं कि दिल्ली जाने वाले किसान खुश नहीं हैं; वे बहुत दुखी हैं और अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। किसान कहते हैं कि दवा खेत में डालने का रेट 800 रुपये लिखा है और 200 रुपये मिलते हैं। 10 लाख रुपये का ट्रैक्टर 2 लाख रुपये में बनाया जा सकता है। कोई रेट फिक्स नहीं है। हम भी इस किसान आंदोलन का पैसे और आत्मविश्वास से समर्थन करते हैं। पहले भी बॉर्डर पर गए थे और आज भी हैं।
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