Fukrey 3
Fukrey 3: Manjot Singh ने ओए लकी लकी ओए से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्होंने स्टूडेंट ऑफ द ईयर, उड़ान, फुकरे वन, फुकरे 2, ड्रीम गर्ल और ड्रीम गर्ल 2 में भी यादगार भूमिकाएं निभाई हैं। वह इन दिनों अपनी नई फिल्म Fukery 3 को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में नवभारत टाइम्स से बातचीत में उन्होंने अपने अभिनय करियर से जुड़े कुछ यादगार किस्से बताए।
फिल्मफेयर अवॉर्ड मिलने का वो किस्सा
ओए लकी लकी ओए, मनजोत सिंह की पहली फिल्म थी, जिसकी रिलीज हो चुकी थी। फिल्म को अच्छा प्रतिक्रिया मिली। उसने कहा, “मैं घर पर बैठा आराम फरमा रहा था कि मेरे पापा ने बताया कि फिल्मफेयर से बुलावा आया है।” मेरे पास फिल्मफेयर अवॉर्ड था। मेरे लिए पहली बार मेरे पिता ने फ्लाइट टिकट करवाए थे। पहली बार मैं हवाई जहाज में बैठ गया। मैं बहुत उत्साहित था, लेकिन मुझे विंडो सीट नहीं मिली।
“फ्लाइट में विंडो सीट न मिलने का खेद हुआ।”
Fukrey 3: वह कहते हैं, “बहरहाल ठाट से मुंबई लैंड हुआ।” एक्टर मनु ऋषि सर के घर सीधे पहुंचा। पिताजी ने उन्हें फोन करके कहा कि मेरा ध्यान रखें। उस वक्त मैं सिर्फ 17 वर्ष का था। मैं बहुत समझ नहीं पाया। रेस्ट करने के बाद मुझसे पूछा गया कि अवॉर्ड फंक्शन में आप क्या पहनेंगे। मैंने जींस-टीशर्ट कहा। उसने कहा, “अवॉर्ड फंक्शन में कोट या सूट पहनना चाहिए।मैंने कहा, “मैं लाया नहीं, मेरे पास नहीं था।”रुको, उसने कहा।
“दीपक ने डोबरियाल सर से उधार लिया कोट, लकी रहा”
Fukrey 3: मनजोत सिंह ने कहा, ‘फिर मनु ऋषि सर ने दीपक डोबरियाल को फोन घुमाया और उनसे कोट मांगा। दीपक दुबले-पतले कद-काठ के हैं, इसलिए उनका कोट मुझे अच्छा लगा। “ये कोट दीपक के लिए काफी लकी रहा था, मेरे लिए भी रहेगा,” वे कहते थे। मैं अपनी टीशर्ट पर उस कोट को पहनकर गया और अपना पुरस्कार प्राप्त किया। उस क्षण ने मेरी जिंदगी बदल दी। ओए लकी लकी ओए मेरी पहली फिल्म थी। मुझे उस रोल के लिए सम्मान मिला, जो सिर्फ पंद्रह मिनट का था। मुझे याद है कि मैंने उस अवसर पर एक भाषण भी दिया था, जो काफी वायरल हुआ था। वास्तव में, उसका भाषण दिल से निकला था।
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“सरदार, मैंने कई किरदार नकार दिए हैं।”
Fukrey 3: सरदार होने के बावजूद मनजोत सिंह ने अपनी मंजी हुई अदाकारी के बल पर कई फिल्मों में हीरो के साथ पैरलल रोल पाए। सरदारों को फिल्मों में अधिकतर मजाक का पात्र बनाया जाता था। उसने इस विषय पर कहा, “मुझे याद है, मैं बहुत खुश था, जब मुझे ‘ओए लकी लकी ओए’ का रोल मिला था।””
मां ने कहा था- एक्टिंग में जा रहा है कौम का मजाक मत उड़ाना
Fukrey 3: उस समय मेरी माँ ने मुझे फोन करके सिर्फ कहा, “बेटा, तुम एक्टिंग में जा रहे हो, लेकिन याद रखना, कभी भी अपने समाज का मजाक मत उड़ाना।” असल में, उनके पास एक और शिकायत थी कि सरदारों को अक्सर फिल्मों में फूहड़ दिखाया जाता था, जबकि वे भी साधारण लोग हैं। लेकिन उनकी वेशभूषा ने उन्हें स्टीरियोटाइप कर दिया। मम्मी की उस बात को मैंने गले लगाया था। अब तक मैंने फिल्मों में जितनी भूमिकाएं की हैं, उससे ज्यादा नहीं की हैं क्योंकि मैं ऐसी भूमिकाएं करके अपनी कौम को बदनाम नहीं करना चाहता।”
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