गंगू जहां रहेगी वहां कभी अंधेरा नहीं हो सकता, ऐसे ही बेजोड़ डायलाॅग ”गंगूबाई काठियावाड़ी” को बना रही है खास

संजय लीला भंसाली की निर्देशित फिल्म गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी के डायलाॅग्स की काफी तारीफ हो रही है। फिल्म के ट्रेलर में आलिया के दमदार डायलाॅग ने मानो जान डाल दी हो। आलिया इन डायलाॅग्स को बखुबी निभाती नजर आ रही हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी फिल्म में लेडी को लीड रोल में देखा गया हो। पर हां यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अगर इस फिल्म में आलिया नहीं होती तो फिल्म में जान नहीं होती। उन्होंने अपने किरदार के साथ अपने डायलाॅग्स के साथ भी सही जजमेंट किया है। अगर आप गौर करेंगे तो ”गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी” के ट्रेलर की शुरूआत ही दमदार डायलाॅग कहते हैं कमाठीपुरा में कभी अमावस की रात नहीं होती, क्‍योंकि वहां गंगूबाई रहती है के साथ होती है। आइए ऐसे ही दमदार डायलाॅग्स से हम आपको वाकिफ कराते हैं जो फिल्म के साथ हर उस महिला के दिल में आग लगाती नजर आएगी जिन्हें अपनी पहचान बनाने में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।

-मैं गंगूबाई प्रेसीडेंट कमाठीपुरा, कुंवार आपने छोड़ा नहीं और श्रीमती किसी ने बनाया नहीं।
-गंगू चांद थी और चांद ही रहेगी।
-अरे जब शक्ति, संपत्ति और सदबुद्धि ये तीनों ही औरते हैं तो इन मर्दो को किस बात का गुरूर।
-आप लोग से ज्यादा इज्जत है हमारे पास, आपकी इज्जत एक बार गई तो गई, हम तो रोज रात को इज्जत बेचती हैं, साला खत्म ही नहीं होती।
-लाला को घर बसते देखना पसंद है उजड़ते हुए नहीं।
-इज्जत से जीने का, किसी से डरने का नहीं, न पुलिस से, न मंत्री से, न भ वों से, किसी के बाप से डरने का नहीं।
-जमान पर बैठी अच्छी लग रही है तू, आदत डाल ले क्योंकि तेरी कुर्सी तो गई।
-लिखो मां का नाम गंगूबाई, मां का नाम काफी नहीं है, चलो बाप का नाम देवानंद।
-लिख देना कल अखबार में की आजाद मैदान में गंगूबाई ने आंखे झुका कर नहीं, आंखे मिलाकर बात की है।

आपको बतादें कि फिल्म के डायलाॅग्स पर इतनी बेखुबी से काम करने वाले प्रकाश कपाड़‍िया है। इनमें उनका साथ उत्‍कर्ष‍िनी ने भी दिया है। फिल्म 25 फरवरी को बड़े पर्दे पर आने वाली है।

 

 

 

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