Governor Haribhau Bagade: महर्षि दयानन्द सरस्वती द्विशताब्दी जन्म जयन्ती समारोह
Governor Haribhau Bagade ने महर्षि दयानन्द सरस्वती को राष्ट्रवाद और वैदिक भारत की पुनर्स्थापना करने वाला बताते हुए उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया है।
राज्यपाल श्री बागडे अजमेर में परोपकारिणी सभा द्वारा आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के द्विशताब्दी जन्म जयन्ती समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान उनकी कर्मभूमि रही है।
राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने भारतीय राष्ट्रवाद की पुनर्स्थापना के साथ स्वाधीनता का आन्दोलन आरम्भ किया। वे सुराज से स्वराज को बेहतर मानते थे। समस्त कठिनाईयों का समाधान राष्ट्र के स्वाभिमान, गौरव, संस्कृति एवं अस्मिता को जगाने से होने पर सदा उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वामीजी ने सदा स्वभाषा पर बल दिया।
श्री बागडे ने कहा कि महर्षि दयानन्द जी ने अपने आचरण से सत्याग्रह का मार्ग दिखाया। भेदभाव, ऊंच-नीच और छुआछूत के विरूद्ध अभियान चलाया। महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। वे युग पुरूष थे। उन्होंने अज्ञानता व अंधविश्वास से भारत को मुक्त कराया। समाज में फैली अन्ध श्रद्धा से छुटकारा दिलाया।
राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज का उद्देश्य महिलाओं का सबलीकरण तथा रूढ़ियों और भेदभाव को समाप्त करना रहा है। उनके ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश में समस्त वेदों का सार निहित है। बाहरी व्यक्तियों ने यहां के ज्ञान को नष्ट करने के लिए धर्म केन्द्र नष्ट किए फिर भी यहां के विद्वानों ने अपनी मेधा के बल पर उस ज्ञान को पुनर्जीवित किया।
पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती अनिता भदेल एवं
हरियाणा के सूचना आयुक्त श्री कुलवीर छिकारा ने भी महर्षि दयानन्द सरस्वती के चिन्तन एवं सिद्धान्त पर विचार रखे।
राज्यपाल ने यज्ञ किया
इससे पूर्व राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने यज्ञ किया तथा गाायों को गुड़ एवं चारा खिलाया। ऋषि उद्यान का अवलोकन भी किया। महर्षि दयानन्द सरस्वती के पत्रों, वस्तुओं एवं प्रिन्टिंग प्रेस को देखा।
विधानसभा अध्यक्ष की भेंट
राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने मुलाकात की। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी भी राज्यपाल श्री बागडे से मिले।
Source: https://dipr.rajasthan.gov.in