हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन, दोष सिद्धि दर 82.6% पहुंची – मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किया शुभारंभ

हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन, दोष सिद्धि दर 82.6% तक पहुंची। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने तकनीकी सुधारों और न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया।

हरियाणा सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी रूप से लागू कर देश की न्याय व्यवस्था को और भी सशक्त, पारदर्शी एवं त्वरित बना दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए कानूनों के क्रियान्वयन के बाद दोष सिद्धि दर 82.6 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जो प्रदेश की न्यायिक प्रणाली की मजबूती का प्रमाण है।

गीता की जन्मभूमि कुरुक्षेत्र से नई शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश दिया था, अब तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी का केंद्र भी बन गया है। उन्होंने बताया कि ये कानून न केवल न्याय प्रणाली को प्रभावी बनाते हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और सुरक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।

केंद्रीय सरकार के क्रांतिकारी फैसलों का हरियाणा में प्रभाव

नायब सैनी ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और धारा 35 हटाकर अखंड भारत की अवधारणा को साकार किया गया। इसके साथ ही नागरिकता संशोधन अधिनियम और अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण जैसे ऐतिहासिक फैसलों ने देश को एक नया मुकाम दिया है। उन्होंने तीन पुराने आपराधिक कानूनों को हटाकर नए कानूनों को लागू करना भी एक दूरगामी निर्णय बताया, जिसने हरियाणा को न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में देश के लिए उदाहरण बनाया है।

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हरियाणा पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया

नायब सैनी ने बताया कि नए कानूनों के क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक का भरपूर उपयोग किया गया है। ई-साक्ष्य और ई-समन एप के जरिए न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया गया है। प्रदेश में कुल 2,145 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष स्थापित किए गए हैं, जो पुलिस थानों, न्यायालयों और कारागारों में काम आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी से अगस्त 2025 के बीच 96.71 प्रतिशत मामलों में फोरेंसिक जांच ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से की गई है। इसके अलावा, 19.54 करोड़ रुपये की लागत से फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाया गया है।

गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दी विस्तार से जानकारी

कार्यक्रम में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन और तकनीकी सुधारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में न्याय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ कई मंत्री और गणमान्य भी उपस्थित

कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री अनिल विज, विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सेवा मंत्री कृष्ण बेदी, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव, खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम, सांसद नवीन जिंदल और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि पूरे देश के लिए न्याय क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मॉडल भी साबित होगी। नई तकनीकों के समावेश से न्याय प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी, तेज़ और भरोसेमंद बनेगी, जिससे आम जनता का न्याय पर विश्वास और बढ़ेगा।

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