हरियाली तीज व्रत कथा जानिए, जो शिव-पार्वती के प्रेम और विवाह का प्रतीक है। 27 जुलाई को हरियाली तीज पर सही व्रत कथा पढ़ें और वैवाहिक सुख-शांति प्राप्त करें।
हरियाली तीज व्रत कथा: हरियाली तीज 2025 इस साल 27 जुलाई को मनाई जाएगी। यह पर्व सावन मास का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना के साथ-साथ हरियाली तीज व्रत कथा का श्रवण करना बेहद आवश्यक माना जाता है। बिना कथा के व्रत अधूरा रहता है और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।
हरियाली तीज का महत्व और व्रत कथा
हरियाली तीज को स्त्रियां अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, प्रेम और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं विधिपूर्वक व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके तप और प्रेम की महत्ता बताते हुए इस दिन विवाह के महत्व को बताया था।
हरियाली तीज व्रत कथा का सारांश
कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया और अपनी श्रद्धा और भक्ति से भोलेनाथ को प्रसन्न किया। एक बार नारद मुनि ने पार्वती के पिता से कहा कि भगवान विष्णु उनकी बेटी से विवाह करना चाहते हैं। जब यह बात पार्वती को पता चली तो वे दुःखी हो गईं। तब उन्होंने रेत से शिवलिंग बनाकर तपस्या शुरू की।
उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पार्वती को दर्शन दिए और विवाह का वचन दिया। तब से यह माना जाता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं, उनके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
कैसे करें हरियाली तीज व्रत कथा पाठ और पूजा
हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनती हैं। शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, मिट्टी की मूर्ति स्थापित कर बेलपत्र, दूर्वा, और चावल अर्पित करती हैं। इसके बाद व्रत कथा का पाठ और श्रवण किया जाता है। शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, और शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप भी लाभकारी होता है।
also read:- हरियाली तीज 2025: पूजा सामग्री और विधि, हरियाली तीज का…