राज्यपंजाब

Harjot Singh Bains ने मोहाली जिले से ‘शिक्षकों के साथ संवाद’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की

शिक्षा मंत्री Harjot Singh Bains ने मोहाली से चल रहे शिक्षा सुधारों और कार्यक्रमों की प्रगति जानने के लिए “शिक्षकों के साथ संवाद” शुरू किया

  • शिक्षकों ने विदेशी प्रशिक्षण और प्रबंधकीय कौशल से लैस अवसर प्रदान करने के लिए राज्य की सराहना की
  • आगे सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में जिम्मेदारी संभालने वाले/प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों के साथ बातचीत करना
  • कहा, सभी जिलों को नई पहल “शिक्षकों के साथ संवाद” के अंतर्गत कवर किया जाएगा
  • 8000 सरकारी स्कूलों में 10,000 कक्षाओं के अलावा 1300 किलोमीटर लम्बी दीवार का निर्माण किया गया

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए चल रही पहल के तहत स्कूल एवं उच्च शिक्षा तथा लोक संपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज शाम मोहाली जिले से ‘शिक्षकों के साथ संवाद’ नामक एक नई पहल की शुरुआत की। उन्होंने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के ऑडिटोरियम में करीब दो घंटे तक शिक्षकों की समस्याओं को ध्यान से सुना।

मंत्री बैंस ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों में चल रहे सुधारों और कार्यक्रमों के बारे में प्रिंसिपलों, मुख्याध्यापकों, बीपीईओ, केंद्र मुख्याध्यापकों, विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों और स्कूल कैंपस प्रबंधकों से फीडबैक प्राप्त करना है ताकि आगे सुधार या बदलाव किया जा सके।

उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए स्कूल ऑफ एमिनेंस, स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और स्कूल ऑफ ब्रिलियंस की अवधारणा शुरू करके मौजूदा शिक्षा प्रणाली में सुधार किए हैं, साथ ही विद्यार्थियों को सैटेलाइट की लॉन्चिंग देखने के लिए मंच प्रदान किया है। इसी तरह, स्कूल प्रिंसिपलों, हेडमास्टरों और अध्यापकों को सिंघपुर, आईआईएम अहमदाबाद और अब फिनलैंड से प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति दी गई है, ताकि उन्हें विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के अनुसार हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार और मजबूती लाने के लिए नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल से लैस किया जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में शिक्षा के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के बराबर बनाने तथा वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना पैदा करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे आलोचकों को एकमात्र जवाब यह है कि हमारे स्कूलों को नई पीढ़ी के स्कूलों में बदला जाए, जिनमें ताकत और बुनियादी ढांचे में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक 1000 स्कूलों का दौरा किया है और पाया है कि अधिकांश शिक्षक अपने काम के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि कुल 20,000 स्कूलों का सर्वेक्षण बुनियादी ढांचे और अन्य उन्नयन के लिए किया गया था और उन्हें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि लगभग 8000 स्कूलों में 1300 किलोमीटर की चारदीवारी बनाई गई है, जबकि 10,000 कक्षाओं का निर्माण/नवीनीकरण और नया रूप दिया गया है।

उन्होंने कहा कि 500 ​​से अधिक विद्यार्थियों वाले वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में कैम्पस मैनेजर, सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मचारियों की अवधारणा लागू होने से शिक्षण कार्य को बढ़ावा मिला है, क्योंकि अब अध्यापकों के पास पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए अधिक समय है।

उन्होंने कहा कि मेगा पीटीएम ने विद्यार्थियों के अभिभावकों को अध्यापकों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया है तथा वह उस दिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दौरे के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र आनंदपुर साहिब में विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया देखकर आश्चर्यचकित थे।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब में चीजों को सही करने के लिए शिक्षा मंत्रालय को एक बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया था और वह इसमें सफल रहे।

प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड गए शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए राज्य सरकार को उन्हें अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। सोहन स्कूल की अदिति और माजरी ब्लॉक के सतनाम सिंह ने कहा कि फिनलैंड सरकार प्राथमिक शिक्षा के दौरान बच्चों की खुशी पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्होंने अपनी यात्रा से यह कौशल सीखा है कि कैसे अपने छात्रों को पढ़ाई में आगे बढ़ाया जाए।

जिन प्रधानाचार्यों और प्रमुखों के साथ शिक्षा मंत्री ने बातचीत की उनमें श्रीमती संध्या-प्रधानाचार्य, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गोबिंदगढ़, श्रीमती अंशुल जैन-प्रधानाचार्य सरकारी हाई स्कूल रामगढ़ रुडकी शामिल थे।

खुशविंदर कौर-प्रमुख, जीएचएस देसूमाजरा, गुरसेवक सिंह-प्रमुख, जीएचएस कुंभरा, लोविश-प्रिंसिपल, एसओई, फेज 11, मोहाली, शुभवंत कौर-प्रमुख, जीएचएस सनेटा, पारेरना-प्रमुख, जीएचएस कराला, जतिन मिगलानी बीपीईओ खरड़, बलदेव सिंह कैंपस मैनेजर सोहाना, खुशविंदर कौर देसूमाजरा, सरकारी प्राइमरी स्कूल लोहगढ़ से सतिंदर पाल कौर, अमनप्रीत कौर जीपीएस जुझार नगर, दविंदर कौर मीरपुर (डेराबस्सी) स्कूल ऑफ हैप्पीनेस और कई अन्य।

मिशन समर्थ, आरंभ, नामांकन अभियान और साथी परियोजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई, जिसके तहत आईआईटी कानपुर पंजाब के सरकारी स्कूलों को ऑनलाइन कोचिंग, एआईईईई का प्रशिक्षण और शिक्षकों के लिए आंतरिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में जीपीएस बलटाना, जीपीएस सैदपुरा, जीएसएसएस फेज 11, मोहाली, एसओई मुल्लांपुर और एसओई 3बी1 को नामांकन में रिकॉर्ड वृद्धि के लिए सम्मानित किया गया, जबकि जीपीएस जुझार नगर, जीपीएस झिंगियां (खरड़), जीपीएस छाजूमाजरा, जीएमएस जस्टाना कलां और जीएमएस खिजरगढ़ (बनूर) को मिशन समर्थ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूल घोषित किया गया।

मंत्री ने कहा कि ‘शिक्षकों के साथ संवाद’ पंजाब में शिक्षा प्रणाली के इतिहास में एक नया मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों और कैंपस प्रबंधकों जैसे सभी हितधारकों के साथ सीधी बातचीत होगी।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) डॉ. गिन्नी दुग्गल ने मंत्री का स्वागत किया तथा उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया।

मंत्री ने शिक्षकों से 4 दिसंबर को होने वाली परख परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को अच्छी तरह तैयार करने का आह्वान किया।

विशेष सचिव (शिक्षा) चर्चिल कुमार, सचिव पीएसईबी संजीव कुमार, डीपीआई (माध्यमिक) परमजीत सिंह, और डीपीआई (प्राथमिक) हरकीरत कौर चन्ने भी उपस्थित थे।

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