Bathinda Lok Sabha Seat: हरसिमरत कौर बादल मजबूत गढ़ को बचा पाएंगी! AAP और कांग्रेस खेल बिगाड़ सकते हैं
Bathinda Lok Sabha Seat:
Bathinda Lok Sabha Seat पर 1 जून, शनिवार को 7वें और अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे। बठिंडा शिरोमणि अकाली दल का एक शक्तिशाली गढ़ है। Bathinda Lok Sabha Seat से हरसिमरत कौर बादल तीन बार से लगातार चुनाव जीत चुकी हैं। चौथी बार मैदान में हैं। उनके सामने आम आदमी पार्टी से गुरमीत सिंह खुड्डियां, कांग्रेस से विजेता मोहिंदर सिंह सिद्धु, शिरोमणि अकाली दल (मान) से लखा सिधाना और भारतीय जनता पार्टी से परमपाल कौर सिधु चुनाव लड़ रहे हैं। यहां कुल 18 उम्मीदवार अपने राजनीतिक सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी ने यहां कभी चुनाव नहीं जीता, इसलिए इस चुनाव में उसकी चर्चा भी नहीं होगी। कांग्रेस और आप हरसिमरत कौर बादल को चुनौती दे रहे हैं, हालांकि वे अपनी जगह अडिग दिखाई देते हैं। चुनौती का कारण पिछले दो चुनावों में हरसिमरत कौर की जीत का अंतर बहुत छोटा था। कांग्रेस और आप दोनों दावा कर रहे हैं कि इस अंतर को दूर करके शिअद से इस बार Bathinda Lok Sabha Seat छीन ली जाएगी। यहां भी बीजेपी और शिअद गठबंधन कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी इस बार स्वतंत्र चुनाव लड़ रही है। शिरोमणि अकाली दल इससे प्रभावित होगा।
2019 के चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने 4.90 लाख या 41.52 प्रतिशत मतदान प्राप्त किए थे। कांग्रेस के अमिरंदर सिंह राजा ने 4.69 लाख वोटों से 39 प्रतिशत मतदान प्राप्त किए । कौर ने इस सीट पर 21,772 वोटों से जीत हासिल की।
2014 के लोकसभा चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने 5.14 लाख वोट प्राप्त किए, जबकि कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल ने 4.95 लाख वोट प्राप्त किए। शिअद की जीत महज 19,395 वोटों से हुई थी। 2009 के चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने 1,20,948 वोटों से जीत हासिल की थी।
शुरू में, Bathinda Lok Sabha Seat कांग्रेस के पास थी। कांग्रेस ने 1952 से 1957 तक चार बार लोकसभा चुनाव जीते। कांग्रेस के बाद अकाली दल ने यह सीट जीत ली। अकाली दल के धन्ना सिंह गुलशन ने 1962 का चुनाव जीता। 1967 के लोकसभा चुनाव में यहां से अकाली दल (संत समूह) ने जीत हासिल की। 1996 से यहां शिरोमणि अकाली दल का प्रभुत्व है। 1999 में भान सिंह भूरा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार, ने बीच में जीत हासिल की। 2004 में शिआद की परमजीत कौर गुलशन ने चुनाव जीता। उनके बाद हरसिमरत कौर ने लगातार जीत हासिल की है।
बठिंडा लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा सीट हैं: बठिंडा शहर, बठिंडा ग्रामीण, भुच्चो मंडी, तलवंडी साबो, मौर, मानसा, सरदूलगढ़, बुधलादा और लाम्बी।
हरसिमरत कौर बादल:
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल, जो Bathinda Lok Sabha Seat से लगातार तीन बार सांसद हैं, हैं। वे आक्रामक तेवरों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री सहित भारत सरकार में कई पदों पर रहे हैं। लेकिन उन्होंने 2020 में केंद्रीय सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया।
25 जुलाई 1966 को दिल्ली में सत्यजीत सिंह मजीठिया के घर हरसिमरत कौर का जन्म हुआ। उनकी शिक्षा दिल्ली के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से हुई। उनका डिप्लोमा टेक्सटाइल डिजाइन में है। उनके भाई बिक्रम सिंह मजीठिया शिरोमणि अकाली दल का एक सदस्य हैं और एक बार विधायक भी रहे हैं।
चुनाव प्रचार में हरसिमरत कौर बादल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना और अन्य परियोजनाओं को अपनी उपलब्धियों के रूप में बताया है।