धर्म

Pradosh: कल सुबह व शाम को इस मुहूर्त में प्रदोष व्रत की पूजा करें, जानें विधि व उपाय

Pradosh Muhurat Guru Pradosh Timing: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को गुरुप्रदोष व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु प्रदोष का व्रत रखने से संतान की इच्छा पूरी हो सकती है।

Pradosh Muhurat Guru Pradosh Timing: कल गुरुवार को मार्च का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को गुरुप्रदोष व्रत रखा जाएगा। गुरु प्रदोष व्रत रखने से मां पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 27 मार्च को ये व्रत रखा जाएगा। इसलिए आज सुबह उठकर स्नान करें। फिर शिव और पार्वती की प्रतिमा रखें। उन्हें भांग, धतूरा, सफेद फूल, शृंगार का सामान और ऋतु फल व मिठाई अर्पित करें। शिव व गौरी चालीसा का पाठ करें। जानें गुरु प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त व व्रत पारण समय-

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 27, 2025 को 01:42 ए एम

त्रयोदशी तिथि समाप्त – मार्च 27, 2025 को 11:03 पी एम

प्रदोष पूजा मुहूर्त – 06:36 पी एम से 08:56 पी एम

अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स

प्रदोष व्रत पर कल सुबह व शाम इस समय पूजा करें

ब्रह्म मुहूर्त 04:43 ए एम से 05:30 एएम

अभिजित मुहूर्त 12:02 पी एम से 12:51 पी एम

विजय मुहूर्त 02:30 पी एम से 03:19 पी एम

गोधूलि मुहूर्त 06:35 पी एम से 06:58 पी एम

अमृत काल 05:56 पी एम से 07:25 पी एम

व्रत पारण: धार्मिक मान्यता है कि गुरु सूर्योदय के बाद प्रदोष व्रत कर सकते हैं। 28 मार्च को सुबह 06:16 बजे से पारण शुरू हो सकता है।

पूजा-पाठ: स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा विधिवत करें। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का निश्चय करें। फिर घर के मंदिर में गोधूलि बेला पर दीपक जलाएं। फिर घर में या मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और उनके परिवार की पूजा करें। गुरु, प्रदोष व्रत की कथा सुनिए। फिर घी के दीपक से भगवान शिव को पूरी श्रद्धा से आरती करें। अंत में ॐ नमः शिवाय मंत्र बोलें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

गुरु प्रदोष उपाय; शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

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