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Haryana Exit Polls 2024: हरियाणा का दंगल कौन जीतेगा? एग्जिट पोल्स क्या कहता है?

Haryana Exit Polls 2024:-

Haryana Exit Polls 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के एग्जिट पोल्स (Exit Polls) ने सियासी हलचल मचा दी है। 10 साल के बाद, कांग्रेस (Congress) की सत्ता में दमदार वापसी की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को करारा झटका लगता दिख रहा है। जबकि बीजेपी (BJP) बहुमत खो रहा है, कांग्रेस बहुमत के करीब है। बीजेपी का मुख्यमंत्री बदलने का दांव और चुनावी वादे विफल होते दिख रहे हैं। बीजेपी की पराजय के पांच प्रमुख कारणों को जानें।

मुख्यमंत्री बदलने का दांव रहा नाकाम

बीजेपी ने हरियाणा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया, ताकि सत्ता विरोधी लहर से निपटा जा सके। पार्टी को इस दांव से कोई लाभ नहीं हुआ, जैसा कि एग्जिट पोल्स ने बताया है। यह बदलाव प्रदेश की जनता में सरकार के खिलाफ पहले से ही व्याप्त नाराजगी को कम नहीं कर सका।

जाट और किसानों की नाराजगी ने किया नुकसान

हरियाणा में सत्ताविरोधी लहर के साथ-साथ जाट और किसानों ने बीजेपी (BJP) को घेर लिया। बीजेपी को जाट समुदाय और किसानों के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के दौरान ही नुकसान का संकेत मिल गया था, लेकिन पार्टी ने इसे नजरअंदाज किया। बीजेपी (BJP) का विरोध भी किसान आंदोलन और जंतर-मंतर पर पहलवानों के साथ हुआ था। विनेश फोगाट से जुड़े विवादों ने भी पार्टी की स्थिति कमजोर की।

किसान आंदोलन और अग्निवीर मुद्दे ने साख को बिगाड़ दिया

सरकार का किसान आंदोलन पर नियंत्रण एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। पार्टी ने किसानों की मांगों को नहीं समझा, जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक असंतोष हुआ। इसके अलावा, युवाओं में अग्निवीर योजना (Agniveer Yojana) के प्रति असंतोष भी देखने को मिला। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को बहुत जोर से उठाया, जिससे बीजेपी की चुनावी प्रतिष्ठा प्रभावित हुई।

भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा नहीं चला

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने कांग्रेस (Congress) पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन इससे आम लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा। बीजेपी (BJP) ने हुड्डा परिवार और कांग्रेस की कथित भ्रष्टाचार की विरासत को निशाना बनाकर काफी आक्रामक अभियान चला, लेकिन जनता ने इन मुद्दों को नहीं देखा। जनता ने कांग्रेस के नेतृत्व और नीतियों पर भरोसा जताया।

बागियों ने बिगाड़ा खेल

बीजेपी के विरोधी नेताओं ने भी पार्टी की उम्मीदें कमजोर कर दीं। कई नेताओं ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिससे बीजेपी को अधिक वोट मिले। हिसार से नवीन जिंदल की मां रामबिलास शर्मा और राजीव जैन जैसे नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी को कमजोर कर दिया। बीजेपी का लक्ष्य अधूरा रह गया।

कांग्रेस की उत्कृष्ट वापसी

एग्जिट पोल्स के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस प्रचंड बहुमत से वापसी कर रही है। कांग्रेस को 50 से 64 सीटें मिलने का अनुमान सी-वोटर, टाइम्स नाऊ, रिपब्लिक भारत और अन्य महत्वपूर्ण पोल्स से किया गया है, जबकि बीजेपी को 22 से 32 सीटें मिलने की संभावना है।  पोल्स भी कांग्रेस की शानदार जीत की ओर संकेत कर रहे हैं।

निष्कर्ष

हरियाणा के एग्जिट पोल्स ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। सत्ता विरोधी लहर, जाटों और किसानों की नाराजगी, बागी उम्मीदवारों का प्रभाव, और कमजोर चुनावी रणनीति बीजेपी के हार के प्रमुख कारण रहे। दूसरी ओर, कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व में भूपिंदर सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) की वापसी की उम्मीदों ने कांग्रेस के लिए हरियाणा की राजनीति में नई ऊर्जा भरी है।

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