Health Tips For Woman: 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अपनी डाइट में इन तीन चीज़ों को ज़रूर शामिल करना चाहिए ताकि वे बढ़ती उम्र में भी सेहतमंद रहें:

Health Tips For Woman: महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। महिलाएं अपना ध्यान नहीं देंगी तो 40 की उम्र में कैल्शियम की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Health Tips For Woman: आजकल महिलाएं घर और ऑफिस दोनों संभालती हैं लेकिन इन सब के बीच वह अपनी सेहत का खास ख्याल नहीं रख पातीं। महिलाएं अक्सर छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देती हैं, जो अंततः गंभीर समस्याओं का कारण बन जाती हैं। Experts भी मानते हैं कि महिलाओं को पुरुषों से अधिक पोषक तत्व की जरूरत है। महिलाएं अपना ध्यान नहीं रखेंगी तो 40 की उम्र में कैल्शियम की कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानें महिलाओं को फिट रहने के लिए डाइट में क्या शामिल करना चाहिए।

तंदुरुस्त रहने के लिए महिलाओं को क्या खाना चाहिए?

कच्चा प्याज: महिलाओं के लिए कच्चा प्याज कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है, दिल की सेहत को बेहतर बनाता है, और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह शरीर को गर्मी से बचाता है और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत दिला सकता है।

भुना हुआ तिल: महिलाओं के लिए भुना हुआ तिल बहुत अच्छा है। ये प्राकृतिक एस्ट्रोजन का स्रोत हैं, जो हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। तिल भी जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक हैं। तिल एक अच्छा स्रोत हैं फाइटोएस्ट्रोजेन, जो महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, जो कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। तिल में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है

सोयाबीन: यह सोयाबीन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है, खासकर रजोनिवृत्ति के लक्षणों, प्रजनन क्षमता और हड्डियों की मजबूती के लिए। सोयाबीन में एस्ट्रोजन नामक यौगिक होते हैं, जो रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स होते हैं जो एस्ट्रोजन के समान काम करते हैं, जो महिलाओं में हड्डियों की घनत्व को कम करने में मदद करते हैं, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद।

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