दूसरे के बच्चे को तंग करता है आपका बच्चा, तो ऐसे करें कंट्रोल
आपके बच्चे किस कैटगिरी में आते हैं! वैसे तो कुछ बच्चे शैतान की कैटगिरी में आते हैं तो कुछ शर्मीले और कुछ भोले होते हैं। अकसर देखा जाता है कि कम बोलने वाले और शर्मीले बच्चे दूसरों से तंग या परेशान करने का शिकार हो जाते हैं। जब आपके बच्चे को कोई दूसरा बच्चा तंग करता है, तो पैरेंट्स का बहुत दिल दुखता है पर जब आपका खुद का ही बच्चा दूसरों को तंग करने वाला है तो परेशानी और बढ़ जाती है। परिस्थितियां कैसी भी हों, तंग करने के पीछे के मनोविज्ञान को समझना बेहद जरूरी है।
अपने बच्चे को पहचाने
जब कोई इंसान किसी को खुद से कमजोर समझता है और उसे दबाने या तंग करने की कोशिश करता है, तो उसे तंग करना कहते हैं। ये बच्चे जन्म से ही तंग करने वाले स्वभाव के नहीं होते बल्कि कुछ सामाजिक स्थितियां इन्हें ऐसा बना देती हैं कि ये सोचते हैं कि कमजोर लोगों पर हुक्म चलाना सही होता है।
बड़े लोगों में भी तंग करने की समस्या देखी जाती है और अगर आप बचपन में ही बच्चे में तंग करने के संकेत देखकर उसे रोक लें तो बेहतर होगा। ऐसे बच्चों में कुछ बिहेवरियल पैटर्न देखने को मिलते हैं जिनकी मदद से आप पहचान सकते हैं कि आपका बच्चा और बच्चों को तंग करता है या नहीं।
खामिया को खुबियों में बदले
अक्सर, आप देखेंगे कि तंग करने वाले बच्चे उन लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनसे कमजोर हैं। ये कभी भी अपने बराबर के या ताकतवर लोगों को तंग नहीं करते हैं। अगर आपका बच्चा तंग कर सकता है, तो आप उसे कॉम्पीटिशन की जगह कंपैशन सिखाएं। उसे दयालु बनाएं और दूसरों की मदद करना सिखाएं, खासतौर पर समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की।
दर्द को समझना सिखाएं
तंग करने वाले बच्चे कभी किसी से सहानुभूति नहीं रखते हैं। यही वजह है कि ये अपनी गलतियां दोहराते रहते हैं और दूसरों को तंग करते रहते हैं। इन्हें किसी पर दया नहीं आती है। इससे बचने के लिए अपने बच्चे में धैर्य रखने वाले आदर्श और आइडिया डालने की कोशिश करें। बच्चे को दूसरों का दर्द और पीड़ा समझना सिखाएं।
दूसरे की मेहनत की करें कद्र
तंग करने वाले बच्चों को अक्सर लगता है कि हर चीज पर उनका हक है। वो मेहनत किए बिना भी हर चीज पर अपना हक जमाते हैं। इससे वो जबरदस्ती दूसरों की चीजें छीन लेते हैं। पैरेंट्स को बच्चों को कृतज्ञता और विनम्रता सिखानी चाहिए। इससे बच्चे दूसरों की मेहनत का आदर करते हैं।
सबको एक समान समझे
तंग करने वाले बच्चों को बस हिंसा की भाषा ही समझ आती है। इनमें सोशल स्किल्स की कमी होती है और ये हर किसी को खुद से कम समझते हैं। पैरेंट्स को कम उम्र में ही बच्चों को सोसायटी में समानता के महत्व के बारे में सिखाना चाहिए। उसे बताएं कि हर कोई एक बराबर है और उसे कभी भी खुद को साबित करने के लिए अपनी ताकत, पैसे का जोर नहीं लगाना है।
कोई नैतिकता नहीं है
तंग करने वाले बच्चों में नैतिकता का कोई गुण नहीं होता है। ये जो भी करते हैं, उसमें ये नहीं सोचते कि दूसरे इंसान की क्या सोच है। आप अपने बच्चे को नैतिक मूल्य जरूर सिखाएं। उसे सही और गलत के बीच फर्क करना सिखाएं।