अजमेर दरगाह में मलंगो और कलंदर ने दिखाए जांबाज करतब, लोहे की छड़ की ज़ुबान के आरपार

अजमेर दरगाह में बुधवार को 810 वर्ष के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों से कलंदर और मलंग देखे गए । यहां कर इन्होंने अपने हैरतअंगेज कर देने वाले करतब दिखाए, किसी ने अपनी जुबान से लोहे की छड़ को आर-पार कर दिया तो किसी ने गर्दन के आर पार ही पूरी छड़ निकाल दी। एक कलंदर ने दो तलवार से अपनी आंख की पुतली को ही बाहर निकाल दिया और उसमें मलंग और कलंदरो ने चाबुक से शरीर पर चोट पहुंचाने जैसे भी कई करतब दिखाए। इन हैरतअंगेज नजारों को देखकर दरगाह में मौजूद हर इंसान आश्चर्यचकित था गंज स्थित गरीब नवाज के चिल्ले से गत बुधवार शाम को मलंग और कलंदरो का जुलूस निकला। यहां से शुरुआत कर सबसे आगे कलंदर और मलंग की एक टोली अपने साथ धारदार हथियारों और नुकीली चीजों से करतब पेश करते हुए चल रही थी जिसे देखकर लोग दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गये, कई कमजोर दिल वाले लोग तो इन करतबों को देख भी नहीं पाए। सड़क के दोनों ही हो और लोगों का हुजूम उमड़ आया था, एक बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थे जुलूस में मौजूद बैंड वादक अपने ख्वाजा गरीब नवाज के शान में धुन बजा रहे थे, ढोल बजाने वाले और नगाड़े बजाने वाले भी अपने हुनर का प्रदर्शन करते दिखाई दिए दरगाह से शुरू हुआ जुलूस निकलकर दिल्ली जा पहुंचा, यहां भी जुलूस का स्वागत किया गया। गंज दिल्ली गेट और दरगाह बाजार में भी इन कलंदर और मलंगो पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया फिर यहां से जुलूस धान मंडी और दरगाह बाजार होते हुए शाम ढलने से पहले वापस दरगाह पहुंचा। जहां दरगाह के निजाम गेट पर छड़ियों को लगाया गया दरगाह पहुंचने के बाद जुलूस का विसर्जन हुआ । जुलूस में सबसे पीछे एक गुदड़ी शाही खानकाह का प्रतिनिधिमंडल चल रहा था और खानकाह के इनाम हसन गुदड़ीशाह की अगुवाई में अकीदतमंद चादर और अकीदत के फूल लिए चलते हुए दिखाई दिए। आपको बता दें कि अजमेर शरीफ के उर्स का बुधवार को पहला दिन है ।

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