यूक्रेन क्राइसिस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बड़ी सलाह, अगर मानी बात तो नहीं होगी परेशानी
नेशनल डेस्क। भारत को डाॅमेस्टिक मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने की जरूरत है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बढ़ते भू–राजनीतिक संकट के बीच “राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य” से इसके महत्व पर प्रकाश डाला। ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड‘ पर बजट के बाद एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग से इलेक्ट्रिक वाहनों और अर्धचालकों में विनिर्माण के अवसरों को देखने और आयात निर्भरता को दूर करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
The demand for #millets is increasing in the world. By studying the world markets, we should prepare our mills in advance for maximum production and packaging: Prime Minister @narendramodi @PiyushGoyalOffc @investindia @AgriGoI pic.twitter.com/dvW24b6MSR
— DPIIT India (@DPIITGoI) March 3, 2022
उद्योग और आंतरिक व्यापार नीति विभाग (DPIIT) द्वारा आयोजित वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के चश्मे से आत्मनिर्भर भारत अधिक महत्वपूर्ण है … बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।” पीएम ने निजी क्षेत्र से आरएंडडी पर खर्च बढ़ाने और भारत को मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने के लिए अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अपग्रेड करने के लिए भी कहा।
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पीएम ने कहा, “आज, दुनिया भारत को एक विनिर्माण बिजलीघर के रूप में देख रही है … इलेक्ट्रिक वाहनों और सेमी कंडक्टर जैसे क्षेत्रों में मेक इन इंडिया समय की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि स्टील और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों में भी जरूरत है घरेलू विनिर्माण पर ध्यान दें।
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खनन, कोयला और रक्षा के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने उद्योग जगत से नई रणनीति तैयार करने को कहा। मोदी ने कहा, “आपको वैश्विक मानकों को बनाए रखना होगा और आपको वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा भी करनी होगी।” उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया की संभावनाएं अनंत हैं और हमें भारत में एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी ताकत से काम करना चाहिए।