राज्यउत्तर प्रदेश

UP Govt News: 10 हजार करोड़ का निवेश होगा, लखनऊ-हरदोई सीमा पर बनेगा टेक्सटाइल पार्क, 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा

UP Govt News: डीबीएफओटी मॉडल के अनुसार मास्टर डेवलपर पार्क के इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं और लेआउट का डिजाइन बनाएगा। पूरे टेक्सटाइल पार्क का निर्माण मास्टर डेवलपर करेगा। निजी निवेश और सरकारी सहायता से परियोजना को गति मिलेगी। पार्क का प्रबंधन और संचालन मास्टर डेवलपर करेगा।

UP Govt News: योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ-हरदोई सीमा पर पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल और परिधान पार्क के विकास के लिए मास्टर डेवलपर का चुनाव तेज कर दिया है। पीएम मित्र पार्क योजना के तहत टेक्सटाइल पार्क का विकास, विपणन और संचालन पीपीपी मोड पर होगा। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों से व्यापक चर्चा के बाद मॉडल बिड अभिलेख आरएफपी और ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट बनाया है। इस बिड अभिलेख के माध्यम से पीएम मित्र पार्क का विकास करने वाले मास्टर डेवलपर्स चुने जाएंगे। ड्राफ्ट बिड अभिलेख में दिए गए मुख्य मानदंडों के अनुसार, यह परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर आधारित है और चुने गए मास्टर डेवलपर को 50 वर्षों की रियायत अवधि पर दी जानी है। योगी सरकार परियोजना पूरी होने पर उद्योगों को विविध अनुदान देकर प्रोत्साहित करेगी। इस पार्क में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह प्रत्यक्ष रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक नौकरी के अवसर पैदा करेगा।

डीबीएफओटी मॉडल के अनुसार मास्टर डेवलपर पार्क के इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं और लेआउट का डिजाइन बनाएगा। पूरे टेक्सटाइल पार्क का निर्माण निजी निवेश और सरकारी मदद से होगा, लेकिन मास्टर डेवलपर ही काम करेगा। निर्माण पूरा होने पर मास्टर डेवलपर पार्क का संचालन और प्रबंधन करेगा. रियायत अवधि समाप्त होने पर पार्क राज्य सरकार और एसपीवी को वापस मिल जाएगा। कोर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स मास्टर डेवलपर को दो चरणों में पांच सौ करोड़ रुपये मिलेंगे। इस प्रकार, पीएम मित्र पार्क उत्तर प्रदेश लिमिटेड एसपीवी को कंपनी अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है।

10 हजार करोड़ का निवेश होगा

साथ ही, योगी सरकार औद्योगिक संस्थाओं को जमीन की लागत, स्टांप ड्यूटी, नगरीय सब्सिडी, इंट्रेस्ट सब्सिडी, विद्युत सब्सिडी, निवेश सब्सिडी और फ्रेट सब्सिडी देगी। 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश इस मेगा पार्क में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगा। पार्क के आसपास भी कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में औद्योगिक विकास और निवेश और व्यापार का वातावरण बनाया जाएगा।

सामाजिक और प्रीमियम सुविधाएं पार्क में बनाई जाएंगी

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम, खादी, ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा और वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि चयनित मास्टर डेवलपर वैश्विक मानकों के अनुसार मास्टर प्लान बनाने और एसपीवी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए जिम्मेदार होगा। मास्टर डेवलपर अपने जोखिम और खर्च पर पार्क के अंदर अवस्थापना बनाएगा। वह रखरखाव, विपणन और संचालन भी करेगा। पार्क के भीतर आंतरिक सड़क, विद्युत वितरण, बुनियादी ढांचा, जल और अपशिष्ट जल शोधन सुविधाएं, प्लग एंड प्ले बुनियादी ढांचे का विकास, फैक्टरी शेड्स, इन्क्यूबेशन सेंटर, सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सामान्य प्रसंस्करण सुविधाएं, कॉमन बॉयलर, श्रमिकों के आवास और हॉस्टल (विशेष रूप से महिला श्रमिकों के लिए), स्वास्थ्य सेवाएं, प्रशिक्ष योजना से संबंधित आरएफपी दस्तावेजों को अंतिम रूप देकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद को समिति की सिफारिशें अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी।

उत्तर प्रदेश सरकार का एसपीवी में 51 प्रतिशत शेयर है

पीएम मित्र पार्क का विकास और संचालन भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त स्वामित्व वाले स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) द्वारा किया जाएगा। इस एसपीवी का 51% उत्तर प्रदेश सरकार का होगा, जबकि शेष 49% भारत सरकार का होगा। इसके तहत पार्क के लिए एक हजार एकड़ जमीन का निर्माण, चार लेन सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पानी की आपूर्ति सहित बाह्य बुनियादी ढांचे का निर्माण राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

योगी कैबिनेट से मिलेगा अंतिम अनुमोदन

योजना से संबंधित आरएफपी दस्तावेजों को अंतिम रूप देकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद को समिति की सिफारिशें अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी। लखनऊ-हरदोई की सीमा पर रहमान खेड़ा कृषि फॉर्म की जमीन पर मेगा वस्त्र और परिधान पार्क बनाया जा रहा है। पार्क के विकास के लिए चुनी गई जमीन को एसपीवी को 99 वर्ष की लीज पर प्रति एकड़ 1 रुपये प्रति वर्ष दे दी गई है।

Related Articles

Back to top button