भारत में पैदा होने से पहले ही लड़कियों के साथ भेदभाव शुरू हो जाता है और यह सिलसिला आखिरी वक्त तक चलता है इसीलिए आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस खास मौके पर हम महिलाओं से जुड़े कुछ कानून और कुछ मददगार हेल्पलाइन नंबर लेकर आए हैं जिससे उनके जीवन के हर मोड़ पर कहीं ना कहीं उन्हें इन कानूनों की जरूरत पड़ सकती है तो इन्हे संभाल कर रख ले और अपने दोस्तों से भी शेयर करें…
महिलाओं से जुड़े कुछ मुख्य कानून –
1. शिक्षा महिलाओं का मौलिक अधिकार है और राइट टू एजुकेशन में उसकी हिस्सेदारी भी तय है शिक्षा के अधिकार में जिन बच्चों को प्रवेश दिया जाता है उनमें 50 फ़ीसदी लड़कियों का होना अनिवार्य है और राइट टू एजुकेशन 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार भी देता है।
2. भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत लड़की की शादी 18 वर्ष से कम आयु में नहीं की जा सकती यह कानूनन अपराध है और ऐसे मामले में आरोपी को 2 साल तक की जेल हो सकती है और अगर अभिभावक अपनी नाबालिग बेटी की शादी उसके इच्छा के खिलाफ कर फिरते हैं तो यह सारी मानी नहीं होगी इसके बाद ना मारे लड़की को बाली होने पर जाने की 18 साल का हो जाने पर तो बार विवाह करने का अधिकार है।
3. महिलाओं को कानूनी अधिकार है कि वह अपने बच्चों के स्कूल एडमिशन पर उनके पिता की जगह अपना नाम दर्ज करा सकती हैं।
4. देश में कन्या भ्रूण हत्या निषेध अधिनियम 1994 के अनुसार जन्म से पहले लिंग की जांच किया इसके लिए महिला को किसी भी प्रकार से बात करना एक कानूनन अपराध है और वादे करने वालों को 5 साल की जेल या 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
5. दहेज प्रतिषेध अधिनियम में शादी में दहेज लेने या देनी पर कम से कम 5 साल की सजा हो सकती है और देश का नकशा किसी भी थाने में की जा सकती।
6. प्रसूति लाभ अधिनियम 2017 के अनुसार कामकाजी महिलाओं को प्रसव के बाद 3 महीने तक बैठने का अवकाश लेने का हक है और वही अविवाहित महिला बच्चे को भी गोद ले सकते हैं जहां हिंदू एडॉप्शन एंड सेक्शन एक्ट के तहत एक विवाहित महिला को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार है।
7. मुस्लिम महिलाएं भी गुजारा भत्ता मान सकती हैं जब तक मैं दोबारा निकाल नहीं करते वही विधवा महिलाएं ससुर से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार रखती हैं।
8. बुजुर्ग महिलाओं का पति के संपत्ति में तो लाखो तैयार उसके साथ साथ संतान भी उल्टियां देखी नहीं कर सकते माता पिता के देखरेख के लिए मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 लागू है जिसमें साधन विहीन माता पिता अपनी संतान से सहयोग पाने के हकदार भी हैं।
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इसके अलावा महिलाओं को संपत्ति पर पूरा अधिकार तलाक के बाद उसी घर में रहने का अधिकार विधवा महिलाओं को अपने पति के हिस्से की संपत्ति पर अधिकार एवं पति व पत्नी की जितनी भी संयुक्त संपत्ति है उसमें बंटवारे का अधिकार जैसे आप शामिल है।
यह कुछ हेल्पलाइन नंबर है जिनकी मदद से आप किस मुसीबत की घड़ी में खुद को सुरक्षित कर सकती हैं और तत्काल मदद मांग सकती हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग -14433
राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत हेतु- 91 11 26944880, 91 11 26944883
मुसीबत में तत्काल मदद- 1091 1090
घरेलू हिंसा- 181
पुलिस सहायता- 100, 112
महिला रेलवे सुरक्षा- 182
चाइल्ड हेल्पलाइन- 1098