Jitiya Vrat 2023
Jitiya Vrat 2023: आज जितिया व्रत रखा जाएगा।उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में ये पर्व भव्य रूप से मनाया जाता है। महिलाएं सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को बच्चों की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
Jitiya Vrat 2023: यह जीवित्पुत्रिका व्रत भी है। इस व्रत में गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा करके अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है। जानें जितिया व्रत का शुभ योग, मुहूर्त और पूजा विधि।
जितिया व्रत 2023 मुहूर्त (Jitiya Vrat 2023 Muhurat)
अश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि शुरू | 6 अक्टूबर 2023, सुबह 06.34 |
अश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि समाप्त | 7 अक्टूबर 2023, सुबह 08.08 |
सुबह पूजा मुहूर्त | सुबह 07.45 – सुबह 10.41 |
शाम पूजा मुहूर्त | शाम 04.34 – शाम 06.02 |
सूर्य अर्घ्य | सुबह 06.17 (7 अक्टूबर 2023) |
व्रत पारण समय | सुबह 08.08 के बाद (7 अक्टूबर 2023) |
सर्वार्थ सिद्धि योग | 6 अक्टूबर, रात 09.32 – 7 अक्टूबर, सुबह 06.17 |
परिघ योग | 6 अक्टूबर, सुबह 05.23 – 7 अक्टूबर, सुबह 05.31 |
जितिया व्रत पूजा विधि (Jitiya Vrat Puja Vidhi)
Jitiya Vrat 2023: जीवित्पुत्रिका व्रत में शामिल होने वाली महिलाएं, सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन नहाए खाया जाता है।
अगले दिन व्रती निर्जला व्रत रखती हैं। प्रदोष काल में कुश से जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाकर जलपात्र में स्थापित करें।
जीमूतवाहन को धूप, दीप, मिठाई, फल, बांस के पत्ते, सरसों का तेल, खली, अक्षत (चावल), पेड़ा, दूर्वा की माला, पान, लौंग, इलायची और पूजा की सुपारी अर्पित करें।
गाय का गोबर पूजास्थल पर डाला जाता है। गोबर और मिट्टी का उपयोग करके चील-सियारिन की मूर्ति बनाएं। इन्हें लाल सिंदूर से मालिश करें।
अब जितिया व्रत की कहानी पढ़ें और आरती करें।
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