Kalashtami 2025: कालाष्टमी सावन महीने में कब है? यहाँ शुभ मुहूर्त और पूजा समय जानें

हर महीने कालाष्टमी (Kalashtami 2025) के दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी और बांके बिहारी कृष्ण की पूजा की जाती है।

Kalashtami 2025: कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित होती है। इस शुभ अवसर पर काल भैरव को भक्तिपूर्वक पूजा जाता है। (Kalashtami 2025)विशेष कार्यों में सफलता पाने के लिए भी व्रत रखते हैं। साधक इस व्रत को करने से सभी संकटों से बच जाता है। साथ ही करियर और कारोबार में उचित प्रगति मिलती है। कालाष्टमी के दिन साधक काल भैरव की पूजा करते हैं।

कालाष्टमी शुभ मुहूर्त| Kalashtami 2025 Shubh Muhurat

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास की अष्टमी तिथि 17 जुलाई को शाम 7 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि 18 जुलाई को शाम 05 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। काल भैरव की पूजा निशा काल में की जाती है। इसके लिए 17 जुलाई को सावन की कालाष्टमी मनाई जाएगी। वहीं, निशा काल में पूजा देर रात 12 बजे 7 मिनट से 12 बजे 48 मिनट तक चलती है।

पंचांग

Kalashtami 2025 शुभ योग

ज्योतिषियों ने बताया कि सावन माह की कालाष्टमी पर सुकर्मा और शिववास का संयोग होगा। शाम 7 बजे 8 मिनट से शिववास योग बन रहा है। इस दौरान देवों के देव महादेव और जगत की देवी पार्वती कैलाश पर रहेंगे। शिववास योग में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।

पूजा प्रक्रिया

सावन माह के कालाष्टमी पर ब्रह्म बेला में उठें। अब भगवान शिव को प्रणाम कर दिन शुरू करें। दैनिक कार्य पूरे करने के बाद गंगाजल से स्नान करें। अब आचमन करें, पीले या सफेद कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। तदोपरांत, विधिपूर्वक पंचोपचार कर भगवान शिव की पूजा करें। पूजा करते समय भगवान शिव को सफेद फल, फूल और मिष्ठान दें। आरती कर पूजा संपन्न करें।

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