भारत

International Women’s Day 2022: तो इसलिए मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जानें इस साल का थीम

19 वीं सदी तक आते-आते महिलाओं ने अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता दिखानी शुरू कर दी थी। अपने अधिकारों को लेकर सुगबुगाहट पैदा होने के बाद 1908 में 15000 स्त्रियों ने अपने लिए मताधिकार की मांग दुहराई। साथ ही उन्होंने अपने अच्छे वेतन और काम के घंटे कम करने के लिए मार्च निकाला। यूनाइटेड स्टेट्स में 28 फरवरी 1909 को पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का विचार सबसे पहले जर्मनी की क्लारा जेडकिंट ने 1910 में रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर देश की महिलाओं को अपने विचार को रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की योजना बनानी चाहिए। इसके मद्देनजर एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें 17 देशों की 100 महिलाओं ने भाग लिया और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने पर सहमति व्यक्त की। 19 मार्च 1911 को आस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। उसके बाद 1913 में इसे बदलकर 8 मार्च कर दिया। 1975 संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।

प्राउड ऑफ यू: अमेरिका सेना में शामिल हुईं तमिल की यह एक्ट्रेस

आज की संस्कृति में
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन कुछ देशों में अवकाश घोषित किया जाता है। अवकाश घोषित देशों में अफगानिस्तान, अंगोला, बेलारूस और कजाकिस्तान इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भी देश हैं जहां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर केवल महिलाओं की छुट्टी होती है जिसमें चीन, नेपाल, मकदूनिया और मेडागास्कार शामिल है। साथ ही कुछ ऐसे देश भी हैं जहां 8 मार्च को कोई छुट्टी तो नहीं होती लेकिन इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। चिली, बुलगारिया, रोमानिया, क्रोशिया और कैमरून को इसमें शामिल किया जाता है। यहां लोग अपने जीवन में मौजूद नारियों को तरह.तरह के उपहार देते हैं।

इस बार का थीम है खास
इस साल महिला दिवस का थीम है अच्छे कल के लिए आज लिंगभेद को खत्म करना होगा। आजकल सभी कार्य क्षेत्रों में अनजाने में या जानबूझकर महिलाओं के साथ भी भेदभाव होता है जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। इस साल महिला दिवस इस थीम पर आधारित है।

महिला दिवस को बखुबी मनाता है भारत
भारत में भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन नारियों के सम्मान में तरह.तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं। साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है। स्त्रियों के लिए कार्य करने वाले संगठन इस दिन विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षिण शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं। कई संस्थाओं द्वारा गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की जाती है।

भारत में नारियों को मौलिक अधिकारए मतदान का अधिकार और शिक्षा का अधिकार तो प्राप्त है लेकिन अभी भी स्त्रियां अभावों में जिंदगी बीता रही हैं। हमारे समाज में धीरे.धीरे हालात बदल रहे हैं। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो नारियों से अछूता हो। आज चाहे फिल्म हो, इंजीनियरिंग हो या मेडिकल, उच्च शिक्षा हो या प्रबंधन हर क्षेत्र में स्त्रियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। अब बेटे और बेटी के बीच फर्क घटा है लेकिन अभी भी यह कुछ वर्ग तक ही सीमित है। नारियों के समक्ष खुला आसमान और विशाल धरती हैं जिस पर वह अनंतकाल तक अपना परचम लहरा सकती हैं।

Related Articles

Back to top button
Share This
हरियाणा की क्वीन Pranjal Dahiya के WOW लुक्स Anant-Radhika की शादी में आएंगे ये बॉलीवुड कपल्स Instagram की क्वीन Jannat Zubair के शानदार लुक्स 2024 में ये बॉलीवुड जोड़ियां बनेंगी Parents DDLJ की ‘सिमरन’ के शानदार Saree Looks
हरियाणा की क्वीन Pranjal Dahiya के WOW लुक्स Anant-Radhika की शादी में आएंगे ये बॉलीवुड कपल्स Instagram की क्वीन Jannat Zubair के शानदार लुक्स 2024 में ये बॉलीवुड जोड़ियां बनेंगी Parents DDLJ की ‘सिमरन’ के शानदार Saree Looks