लता ताई ने आखिरी पल में किया पिता को याद: वेंटिलेटर पर ईयरफोन पर सुने पिता के गाने

स्वर कोकिला लता ताई जैसे तमाम नामों से 80 साल तक बॉलीवुड पर राज करने वालीं गायिका लता जी का 92 साल की उम्र में आज सुबह निधन हो गया। पूरी दुनिया उनकी दीवानी थीं, लेकिन वह खुद अपने पिता के गानों की दीवानी थीं। यहां तक कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 29 दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ते हुए भी 92 वर्षीया लता अपने पिता के गानों को नहीं भूलीं। वे वेंटिलेटर पर रहते हुए भी ईयरफोन लगवाकर अपने पिता जी के गाने सुन रही थीं।

लता के पिता रंगमंच के कलाकार थे
लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के कलाकार और गायक थे। उन्होंने ही लता को बचपन में गाने का रियाज कराना शुरू किया था । उनके पिता ने कहा था कि एक दिन लता बहुत बड़ी गायिका बनेंगी। हालांकि पंडित दीनानाथ का निधन उस समय हो गया था, जब लता महज 13 साल की थीं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वॉइसओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी ने लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के हवाले से बताया कि लता अपने आखिरी दिनों में वेंटिलेटर पर अपने पिता को बेहद याद करती थीं। उन्होंने हृदयनाथ से पिता के गानों की रिकॉर्डिंग्स अस्पताल के आईसीयू में ही मंगा ली थी उन्हें सुन रही थीं। साथ ही डॉक्टरों के मना करने के बावजूद मास्क हटाकर पिता के गानों को गुनगुनाने की कोशिश करती थीं। मौत से दो दिन पहले सुनने में दिक्कत होने पर उन्होंने अस्पताल में ही ईयरफोन मंगवाकर उससे गाने सुनने शुरू किए थे।

लता जी का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एमपी के इंदौर में हुआ था। वे बचपन से ही अपने पिता को गाता देखकर अकेले में उनकी तरह गुनगुनाने की कोशिश करती थीं, लेकिन पिता के सामने गाने से डरती थीं। पंडित दीनानाथ उन्हें बेहद प्यार करते थे। पहले उनका नाम हेमा रखा गया था, लेकिन बाद में पंडित दीनानाथ ने अपने एक नाटक ‘भाव बंधन’ में लतिका नाम के किरदार से प्रभाावित होकर उनका नाम बदलकर लता रख दिया था। दीनानाथ ने पहली बार लता 5 साल की उम्र में गाते सुना था और हैरान रह गए थे। इसके बाद से ही वे लता के पिता के साथ ही गुरु भी बन गए थे।

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