क्यों खालिस्तानियों को पाल-पोस रहा है कनाडा?
भारत के बाद कनाडा में सबसे अधिक शिक्षित जनसंख्या है। ये लोग अकेले नहीं रहते; वे व्यापार और राजनीति में भी शामिल हैं। स्थिति यह है..।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के संघर्ष का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्हें भारत में G20 के दौरान अन्य नेताओं से कम महत्व मिला। पुनर्वास..।
इसकी दो वजहें हैं: बढ़ी हुई महंगाई और खालिस्तानियों के लिए उनकी कमजोरी भारत भी कनाडाई सरकार को चरमपंथियों को पनाह देने के लिए लगातार आलोचना करता रहा। पर..।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के अवसर पर सालाना सम्मेलन
सालाना ऑपरेशन ब्लू स्टार पर कनाडा में शिक्षक एक जगह मिलते हैं। इस दौरान सफेद साड़ी में एक महिला के पोस्टर पर लाल रंग लगाया जाता है। साथ लि..।
क्या कनाडाई सिख सरकार से भी अधिक शक्तिशाली हो गए हैं?
फिलहाल, परिस्थितियां ऐसी हैं कि सरकार और शिक्षण संस्थाओं दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है। 2019 के चुनाव के दौरान लिबरल पार्टी की कमजोरिटी से 13
काफी बड़ा वोट बैंक
कनाडा में २४ लाख भारतीय रहते हैं। इनमें से लगभग 7 लाख सिख हैं। ग्रेटर टोरंटो, वैंकूवर, एडमोंटन, ब्रिटिश कोलंबिया और कैलग में इनकी सबसे अधिक जनसंख्या है।
क्या कनाडा ने कभी स्कूलों का भी विरोध किया?
हां। ये समुदाय शुरू में भेदभाव का सामना करता था, जब खालिस्तान का एजेंडा भी नहीं था। यहां के लोगों को बाहरी लोगों का आना पसंद है जो नौकरियां और स्थान लेते हैं..।
चरमपंथियों के लिए सेफ हाउस का निर्माण कैसे हुआ?
60 के दशक में लिबरल पार्टी ने वहाँ सरकार बनाई। हिंदुस्तान से उसे कम कीमत पर मैनपावर मिल रहा था। इसी समय सिखों में हिंसा..।
भारत में रहने वाले खालिस्तानी विचारधारा के लोगों ने अच्छी तरह से पैसे कमाए और आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने लगे। तब भी कनाडा की सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाती थी क्यों..।
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