आइए जाने लता मंगेशकर के जीवन के कुछ ऐसे किस्से जिनसे हैं सब अनजान
सुरों की देवी और मां सरस्वती की उपासक लता मंगेशकर जी ने कभी शादी नहीं की ऐसा नहीं है कि कभी उन्हें कोई पसंद ही नहीं आया कुछ पारिवारिक समस्याओं के चलते उनका सफर ताम्र अकेले ही कटा मध्यप्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को लता मंगेशकर का जन्म हुआ था लता मंगेशकर की माता सदा मती सुधामती और पिता दीनानाथ मंगेशकर है।
भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर को संगीत की मलिका कहा जाता है आपको बता दें लता मंगेशकर 30 से भी ज्यादा भाषाओं में गाने गा चुके हैं वह एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत हैं जिनके नाम पर आज पुरस्कार दिए जाते हैं उम्र के आंकड़े उनकी कुछ भी कहे लेकिन आज भी उनकी आवाज को सुनकर कोई उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता है अगर व्यक्ति लता जी की सिर्फ आवाज को सुनता है तो वह आवाज किसी ने युवती की आवाज से कम नहीं है। हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में एक सफल मुकाम पाने के लिए संघर्षों का सामना करना पड़ता है और ऐसा ही लता जी के साथ भी हुआ जब लता जी ने सिनेमा जगत में करियर के शुरुआती कि तू इन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा इनकी पतली आवाज के कारण शुरुआत में संगीतकार फिल्मों में उनसे गाना गवाने से मना कर दे देते 1947 में आई फिल्म आपकी सेवा में गाए गीत से लता को पहली बार बड़ी सफलता हासिल हुई थी उसके बाद से उन्होंने फिर पीछे पलट कर नहीं देखा लता मंगेशकर को 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था वही सिनेमा जगत में लता जी को राष्ट्रीय पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कारों सहित कई अनेकों सम्मान से नवाजा गया है। लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना 1942 को गया था। और उन्होंने अपना आखिरी गाना veer-zaara मूवी में गाया था।
ऐ मेरे वतन के लोगों इस गाने को आपने गणतंत्र दिवस के दिन खूब सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं यह गाना किसने गाया था तो हम आपको बता दें कि यह गाना लता जी ने गाया था जब लता जी ने इस गाने को प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने गाया तो पंडित जवाहरलाल नेहरु की आंखें नम हो गए आपको बता दें स्वर कोकिला लता जी को जनवरी महीने के शुरुआत में कुरूनियां और निमोनिया हो गया था। जब सुर सामग्री लता मंगेशकर पिछले दिनों बीमार थी तब वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थी ऐसे में उनके फैंस उन्हें लेकर काफी परेशान हो गए थे और उनके लिए दुआएं कर रहे थे और वहीं दूसरी ओर अयोध्या में भी संतों ने गायिका लता मंगेशकर के लिए पूजा शुरू कर दी थी वहां पर गायिका लता जी के लिए महामृत्युंजय जाप और हवन किया गया था