धर्म

Magh Gupt Navratri 2024: शक्ति साधना पर्व 10 फरवरी, माघ गुप्त नवरात्रि से शुरू होता है. जानिए पूजा विधि, सामग्री और मुहूर्त।

Magh Gupt Navratri 2024

Magh Gupt Navratri 2024: शनिवार, 10 फरवरी 2024 से माघ गुप्त नवरात्रि शुरू होगी। इसमें १० महाविद्याओं की गुप्त साधना की जाती है। आइये गुप्त नवरात्रि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।

हिंदू धर्म में नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है। इस पर्व में शक्ति साधना की जाती है, जो नौ दिनों तक चलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार नवरात्रि का पर्व साल में चार बार होता है। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। माघ मास में पहली गुप्त नवरात्रि होती है, जबकि आषाढ़ मास में दूसरी नवरात्रि होती है। गुप्त नवरात्रि माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है।

Magh Gupt Navratri 2024: उपासक 9 दिन तक गुप्त तरीके से मां दुर्गा को शक्ति साधना व तंत्र सिद्धि करते हैं। गुप्त नवरात्रि गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पूरे वर्ष चार नवरात्रि होती हैं: दो गुप्त नवरात्रि और दो स्पष्ट नवरात्रि। माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि होती हैं, जबकि चैत्र नवरात्रि और आश्विन की शारदीय नवरात्रि प्रकट होती हैं। इन चार नवरात्रियों को देवी भागवत महापुराण में मां दुर्गा की पूजा के लिए बताया गया है।

माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ

Magh Gupt Navratri 2024; गुप्त नवरात्रि माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। पंचाग के अनुसार, इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि शनिवार 10 फरवरी 2024 से शुरू होगी। इसके अलावा, रविवार 18 फरवरी 2024 को इसका समापन होगा। गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 18 फरवरी तक 9 दिनों तक चलेगी। गुप्त नवरात्रि माघ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है।

गुप्त नवरात्रि में साधना

Magh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा शक्ति के रूप में की जाती है, जबकि प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां भगवती को माता की ममता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में किसी को बताकर देवी साधना नहीं की जाती है। इसलिए इस नवरात्रि का नाम छिपा हुआ है। गुप्त नवरात्रि के दौरान गुप्त अनुष्ठान नौ दिनों तक किये जाते हैं। इन दिनों देवी दुर्गा (महाविद्या) के दस रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस नवरात्रि में साधना करने से देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं और आप चाहते हैं कि ऐसा हो। जितनी अधिक गोपनीयता होगी, उतनी ही जल्दी लाभ मिलेगा।

गुप्त नवरात्रि में देवी की मां कालिके, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, मां धूम्रावती, बगलामुखी माता, मातंगी माता और देवी कमला की पूजा की जाती है। इन दिनों श्री दुर्गा सप्तशती, मंत्र जाप और हवन करके देवी की साधना करते हैं। आप हवन या अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने में असहज हों तो नौ दिन का किसी भी प्रकार का संकल्प, जैसे सवा लाख मंत्रों का जाप करके अनुष्ठान कर सकते हैं। या आप देवी भागवत, रामायण या अन्य किताबों को नौ दिनों तक पढ़ने का निश्चय कर सकते हैं। माता भी अखंड ज्योति जलाकर साधना करने से खुश होती हैं।

Magh Gupt Navratri 2024: पूजा के लिए सामग्री: लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग

मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा

तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा को गुप्त नवरात्रि के दौरान आधी रात में पूजते हैं। लाल सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी को मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति पर लगाया जाता है। इसके बाद पूजा सामग्री मां के चरणों में चढ़ाई जाती है। लाल पुष्प मां दुर्गा को चढ़ाना शुभ माना जाता है। सरसों के तेल से दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः‘ मंत्र का जाप करना चाहिए।

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Magh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को इन चीजों का लगाएं भोग

प्रतिपदा- रोगमुक्त रहने के लिए प्रतिपदा तिथि के दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं.
द्वितीया- लंबी उम्र के लिए द्वितीया तिथि को मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं.
तृतीया- दुख से मुक्ति के लिए तृतीया तिथि पर मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं.
चतुर्थी- तेज बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए चतुर्थी तिथि पर मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं.
पंचमी- स्वस्थ शरीर के लिए मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं.
षष्ठी- आकर्षक व्यक्तित्व और सुंदरता पाने के लिए षष्ठी तिथि के दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं।
सप्तमी- संकटों से बचने के लिए सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें.
अष्टमी- संतान संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए अष्टमी तिथि पर मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं.
नवमी- सुख-समृद्धि के लिए नवमी पर मां सिद्धिदात्री को हलवा, चना-पूरी, खीर आदि का भोग लगाएं.

Magh Gupt Navratri 2024 की तिथियां

10 फरवरी – घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
11 फरवरी – ब्रह्मचारिणी पूजा
12 फरवरी – चन्द्रघण्टा पूजा
13 फरवरी – कूष्माण्डा पूजा
14 फरवरी –  स्कन्दमाता पूजा
15 फरवरी – कात्यायनी पूजा
16 फरवरी – कालरात्रि पूजा
17 फरवरी – दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा
18 फरवरी – सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण

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